पाकिस्तान की नापाक हरकत और चीन की चाल को देखते हुए भारत ने अपनी अग्नि मिसाइल सीरीज की नई मिसाइल अग्नि पी का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। कह सकते है कि मिसाइल तकनीक के क्षेत्र में भारत ने सोमवार को एक और छलांग लगाई। परमाणु हथियार को ले जाने में यह मिसाल काफी बेहतरीन है। सुबह 10 बजकर 55 मिनट पर मिसाइल का रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से परीक्षण किया।

समाचार एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि अग्नि सीरीज की यह मिसाइल मिश्रित धातुओं से बनी है और परीक्षण में इसने अपने सभी मानकों को पूरा करते हुए लक्ष्य को सटीकता के साथ भेदा। 

बता दें कि अग्नि मिसाइल सीरीज का एक नया उन्नत संस्करण है। इसे डीआरडीओ द्वारा लॉन्च किया गया है। इसमें गाइडेंस एवं उड़ान के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इस मिसाइल का वजन अग्नि-3 से 50 प्रतिशत कम है। इस मिसाइल की मारक क्षमता 1000-2000 किलोमीटर के बीच बताई गई है। यह भारत-प्रशांत महासागर में दुश्मन के युद्धपोतों को तहस-नहश कर सकती है। अग्नि पी की एक बड़ी खासियत यह है कि इसे रेल एवं सड़क मार्ग से लॉन्च किया जा सकता है। यहां तक कि इसे किसी स्थान पर लंबे समय तक रखा जा सकता है और जरूरत पड़ने पर देश भर में कहीं भी ले जाया जा सकता है।

भारत के पास मध्यम एवं अंतरमहाद्विपीय रेंज वाली अग्नि सीरीज की कई मिसाइलें हैं। ये सभी मिसाइलें अपने साथ परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं। अग्नि सीरीज की पहली मिसाइल का परीक्षण पहली बार 1989 में हुआ। इस सफलता के बाद भारत अग्नि सीरीज की मिसाइलें लगातार विकसित करता आया है। 

  • अग्नि-1       700 से 1200 किलोमीटर
  • अग्नि-2       2000 से 3,500 किलोमीटर
  • अग्नि-3      3000 से 5000 किलोमीटर
  • अग्नि-4      3,500-4000 किलोमीटर
  • अग्नि-5      5000-8000 किलोमीटर
  • अग्नि-6     11,000-12,000 किलोमीटर (विकास जारी)

गौरतलब है कि भारत की मिसाइल क्षमता को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले डीआरडीओ ने गत शुक्रवार को स्वदेशी पिनाका रॉकेट का सफल परीक्षण किया। इसका परीक्षण चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) से हुआ। परीक्षण के दौरान कुल 25 पिनाका रॉकेट गुरुवार और शुक्रवार को अलग-अलग दूरी पर लक्ष्य को सटीकता से भेदने में कामयाब रहे।

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