जैसा कि मालूम है कि कतर के आतंकवाद को बढ़ावा देने,वित्तीय मदद प्रदान करने और अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाते हुए संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब समेत कुछ अन्य देशों ने अपने राजनयिक संबंध तोड़ लिए हैं। इससे खाड़ी क्षेत्रके देश कतर में समस्या पैदा हो गई है।

ऐसे में विदेश मंत्रालय ने वहां रह रहे अप्रवासी भारतीयों को जल्द से जल्द स्वदेश लाने का मन बनाया है। भारत अब एयरलिफ्ट के जरिए कतर में फंसे भारतीयों को वापस ले आएगी। सोमवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अतिरिक्त उड़ानों को लेकर नागरिक उड्डयन मंत्री एजी राजू से बातचीत की, ताकि उन भारतीयों को स्वदेश वापस लाया जा सके, जिनको टिकट नहीं मिल पा रहा है।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया है कि कतर में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए एयर इंडिया की 25 जून से 8जुलाई तक केरल और दोहा के बीच विशेष उड़ानें संचालित की जाएंगी। बता दें कि विदेश मंत्रालय ने कहा था कि वह कतर संकट पर लगातार निगाह बनाए हुए है। उड्डयन मंत्रालय ने भी विदेश मंत्रालय को आश्वस्त किया है कि कतर में भारतीयों को कुछ नहीं होगा और समय से पहले ही उन्हें सुरक्षित वापस लाने की पूरी तैयारी की जाएगी।

याद दिला दें कि  खाड़ी देशों में करीब 70 लाख भारतीय रहते हैं जो अक्सर कतर एयरवेज के विमान का इस्तेमाल करते हैं। कतर पर प्रतिबंध लगने के बाद उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि कम-से-कम 14 भारतीय शहरों से क़तर एयरवेज़ की सीधी फ्लाइट दुबई, दोहा और कुवैत जाती थी और इनका किराया काफ़ी कम रहता था। ऐसे में हज़ारों लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं। साथ ही खाड़ी देशों में भारत के कई करोड़पति व्यापारियों का क़तर में काफी निवेश है। ऐसे में ज़मीन, हवा और समंदर बॉर्डर बंद करने से इन लोगों का काफी नुक़सान होगा। यही वजह है कि भारत चाहता है कि यह मसला सुलझ जाए।

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