भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है और इसका असर अब वैश्विक सम्मेलनों में मौजूद रहने वाले दोनों देशों के नेताओं पर भी पड़ने लगा है। इसी क्रम में एक सम्मेलन में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष के साथ मंच साझा तो किया लेकिन दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई। एशियाई विकास बैंक की 50वीं वार्षिक बैठक से अलग ‘एशियाज इकनॉमिक आउटलुक: टॉकिंग ट्रेड’ विषय पर सीएनबीसी समाचार चैनल की ओर से आयोजित चर्चा में भारतीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और पाकिस्तान के वित्त मंत्री मोहम्मद इशाक डार समेत चार वक्ता मंच पर एक साथ मौजूद थे।

एक घंटे की इस पूरी चर्चा में अरुण जेटली ने एक बार भी पाकिस्तानी नेता की तरफ नहीं देखा और अंत में बिना हाथ मिलाए वहां से चले गए। इस चर्चा के दौरान भारत-पाकिस्तान के मंत्रियों से दोनों देशों के बीच तनाव और कारोबार से संबंधित कोई सवाल नहीं पूछा गया।

जब मोहम्मद इशाक डार ने चीन को शेष यूरेशिया से जोड़ने वाली ‘वन बेल्ट, वन रोड’ (OBOR) पहल का समर्थन किया तो जेटली ने कहा कि भारत को संप्रभुता के मुद्दों की वजह से इस प्रस्ताव पर गंभीर आपत्ति है। जेटली ने कहा कि मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि यह मंच इस बात की चर्चा के लिए बिल्कुल सही नहीं है। जेटली ने कहा कि हमें संप्रभुता के मुद्दों के चलते OBOR पर गंभीर आपत्ति है।दूसरी तरफ डार ने कहा कि पाकिस्तान इस पहल का पुरजोर समर्थन करता है।

गौरतलब है कि मुंबई हमले के बाद से दोनों देशों के संबंधों में कड़वाहट बढ़ती जा रहीं है। पिछले वर्ष हुआ पठानकोट हमला, उड़ी हमला, लगातार हो रही सीजफायरों के उल्लंघन, कूलभूषण को जबरन फांसी की सजा देना और कुछ दिनों पहले भारतीय जवानों के शवों से की गई बर्बरता जैसी घटनाओं से भारत पाकिस्तान से किसी भी तरीके की बातचीत करने में सहमत नहीं है।

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