भारत ने फाइनेन्सियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय सहयोग समीक्षा समूह के अनुपालन दस्तावेज (संदेहास्पद सूची) में रखने के फैसले का स्वागत किया है। एफएटीएफ ने यह फैसला पाकिस्तान पर काले धन को वैध करने और आतंकवादियों को धन मुहैया कराने के आरोपों के मद्देनजर किया है। इस तरह एक बार फिर आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब हुआ है। भारत समेत दुनिया भर में कई देशों ने माना है कि पाकिस्तान आतंकवादियों का सबसे बेहतर सुरक्षित स्थान बन गया है। इसके साथ ही पाकिस्तान की सरकार और प्रशासन कई मौकों पर आतंकवादियों को बचाने की कोशिश में लगी रहती है।
भारत ने इस मौके पर इस ओर भी इशारा किया है कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आश्वासनों के बावजूद हाफिज सईद, जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों को अपनी जमीन पर उनकी कारगुजारियां जारी रखने के लिए पूरी आजादी दे रखी है। भारत का कहना है कि ऐसे संगठन पाकिस्तान की जमीं पर दूसरों देशों के खिलाफ षड्यंत्र रचते हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि हमें उम्मीद है कि एफएटीएफ की कार्रवाई योजना समयबद्ध तरीके से लागू होगी और पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद के उसकी सरजमीं से फलने-फूलने को लेकर की जा रही वैश्विक चिंताओं के संबंध में विश्वसनीय कदम उठाये जायेंगे।एफएटीएफ 1989 में गठित किया गया था जो इसमें शामिल देशों के मंत्रियों की ओर से गठित एक अंतर-सरकारी इकाई है।