मोदी लहर को रोकने के लिए विपक्ष एकजुट तो हो गया है लेकिन 2019 चुनाव में सीटों को लेकर इस महागठबंधन में दरार पड़ सकती है। यूपी की दो सबसे बड़ी पार्टी बसपा और सपा दोनों मे सीटों के बंटवारे को लेकर पेच फंसता दिख रहा है। जहां सपा और बसपा के लिए गौतमबुद्ध नगर लोकसभा सीट को लेकर दोनों के बीच बात अटक सकती है। वहीं सपा अपने कोटे से एक सीट आरएलडी को दे सकती है।

गौतमबुद्द नगर लोकसभा क्षेत्र साल 2009 के गणित के हिसाब से बसपा के कोटे में आता है, जबकि 2014 के लोकसभा परिणाम के हिसाब से यह सपा के कोटे में आता है। अब जब 2019 चुनाव के लिए सपा और बसपा के बीच गठबंधन होना है तो बसपा सुप्रीमो मायावती गौतमबुद्ध नगर को लेकर पैतृक जिला होने के नाते इसे मांग सकती हैं।इस पर एसपी भी नरमी बरत सकती है। कुछ ऐसे ही फॉर्म्युले 2019 के लोकसभा चुनावों को लेकर भी अपनाए जाने वाले हैं। खास बात यह भी है कि अब ऐसे भी संकेत मिले हैं कि 2019 में एसपी अपने कोटे में से टिकट काटकर आरएलडी को दे सकती है।

2019 चुनाव के लिए गठबंधन में 2014 के फॉर्म्यूले से सीटों का बंटवारा हो सकता है। यूपी के साथ-साथ छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश व राजस्थान में विधानसभा चुनावों को लेकर बसपा और कांग्रेस के बीच बढ़ रही नजदीकियों पर विदेशी समाचार पत्र भी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। यूपी को लेकर सपा और बसपा ने यह संकेत दिया था कि 2014 में जो पार्टियां दूसरे नंबर पर रही थीं वे उस सीट पर दावेदारी कर सकती हैं।

इस लिहाज से देखा जाए तो यूपी में सपा 35 सीटों पर दूसरे नंबर पर थी जबकि पांच सीट पर जीती थी। ऐसे में सपा का दावा 40 लोकसभा सीटों पर बनता है। इसकी पुष्टि सपा के प्रवक्ता राजकुमार भाटी भी करते हैं। उधर 2014 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी 37 स्थानों पर दूसरे नंबर पर थी। ऐसे में यह बात उठी कि जब 77 सीटों पर दो दलों में दावेदारी है तो बाकी तीन सीट पर कांग्रेस व आरएलडी के बीच बंटवारा कैसे होगा।

वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी ने संकेत दिया है कि आरएलडी को वह अपने कोटे से टिकट दे सकती है। इसकी वजह यह है कि 2009 में बिजनौर, अमरोहा, बागपत, हाथरस व मथुरा सीट पर आरएलडी जीती थी। जबकि 2014 के चुनावों में हाथरस में बीएसपी और मथुरा में आरएलडी के अलावा बिजनौर, अमरोहा व बागपत में एसपी ही दूसरे नंबर पर रही थी। बीएसपी के सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने भी गठबंधन के तहत 40 सीटें मांगी है मगर वह 34 से कम लेने को राजी नहीं है। कांग्रेस की तरफ से 2009 के फार्म्यूले के हिसाब से 22 सीटें मांगी गई है। ऐसे में कांग्रेस बीएसपी और एसपी को मध्यप्रदेश में कितनी सीटें देगी, इसी पर यूपी में कांग्रेस का कोटा तय होगा।

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