देश में कोरोना प्रचंड है। हर तरफ कोरोना की ही चर्चा हो रही है। इस महामारी से लड़ने के लिए नाइट कर्फ्यू, वीकेंड लॉकडाउन और वैक्सीन को मैदान में उतारा गया है। लेकिन कोरोना सभी प्लेयर को एकेले ही हरा रहा है। वैक्सीन लेने के बाद भी लोग संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। ऑस्पतालों में बेड की कमी हो गई है। ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण मरीज अस्पताल के सीढ़ियों पर दम तोड़ रहे हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि, कोरोना वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार के कारण देश में संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इस बीच भारत सरकार ने बड़ा फैसला किया है। उन्होंने कहा कि, अब 18 से अधिक उम्र वाले भी कोरोना वैक्सीन का टीका ले सकते हैं।

अब इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने भारतीय वैक्सीन को लेकर बड़ा खुलासा किया है। आईसीएमआर के अनुसार कोरोना वैक्सीन की पहली या दोनों डोज लेने वाले केवल 0.04% लोग यानी कि 10,000 वैक्सीन लेने वाले लोगों में केवल 2 से 4 लोगों कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। बता दे कि, देश में कई लोगों को वैक्सीन के बाद भी कोरोना हो गया है जिसके बाद वैक्सीन पर कई सवाल खड़े हो रहे थे इस मौके पर आईसीएमआर का ये बयान काफी महत्व रखता है। वहीं वैक्सीन को लेकर विपक्ष भी केंद्र सरकार पर हमलावर है।

ICMR ने कहा है वैक्सीन (Covid Vaccine) की दूसरी डोज लेने के बाद भी कई लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं, लेकिन गौर करने वाली बात है कि ऐसे मामले बहुत कम हैं। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की दूसरी डोज लेने के बाद कोरोना संक्रमित होने के मामले करीब 0.04% हैं, जबकि सीरम इंस्टीट्यूट के कोविशिल्ड की दूसरी डोज लेने के बाद 0.03% लोग ही कोरोना संक्रमित हुए।

ICMR के डीजी डॉ. बलराम भार्गव के मुताबिक, वैक्सीन लेने के बाद प्रति 10,000 लोगों में से दो-चार लोग कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। यानी कि वैक्सीनेशन के बाद कोरोना से संक्रमित होने वाले लोगों का प्रतिशत बेहद कम है।

बता दे कि, भारत में कोरोना की दूसरी लहर तेजी से फैल रही है। ऐसे में वैक्सीन ही इस महामारी को हराने में कामयाब साबित हो सकता है। भारत में 24 घंटे के भीतर 3 लाख से अधिक नए मामले सामने आए हैं वहीं 2 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई है।

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