करगिल युद्ध में पाकिस्तान के सैनिकों को धूल चटाने वाला बीएसएफ का एक जवान हिन्दुस्तान के सिस्टम से ही परेशान हो चुका है। करगिल युद्ध में मेडलिस्ट रहे जगबीर सिंह ने हथियार उठाने की ठान ली है। BSF में तैनात मेरठ के रहने वाले नायब सूबेदार जगबीर का कहना है कि वह बॉर्डर पर कभी नहीं रोया लेकिन सिस्टम ने उसे रुला दिया है।
जवान के आरोप गलत: प्रशासन
दरअसल जगबीर सिंह की जमीन पर कुछ दबंगों ने कब्जा कर लिया है। जगबीर सिंह अपने जमीन से भू-माफियाओं का कब्जा हटवाने के लिए प्रशासन और पुलिस से कई बार फरियाद कर चुके हैं लेकिन कोई भी उनकी मदद करने को तैयार नहीं है। आखिरकार तंग आकर उन्होंने कहा है कि अब वो अपनी लड़ाई खुद लड़ेंगे। बता दे, जगबीर ने हथियार उठाने की धमकी तक दे डाली है लेकिन प्रशासन पर उनकी इस धमकी का कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है। वहीं, इस बारे में जिला प्रशासन का कहना है कि बीएसएफ जवान की मांग गलत हैं, जांच करा ली गई है और उनके आरोप सरासर गलत हैं।
इस बारे में जगबीर ने बताया कि उन्होंने विजया बैंक से 10 लाख रुपए का लोन लेकर 7 लाख में जमीन खरीदी और बाकी के पैसे से मकान बनवा रहे थे। लेकिन जब वह ड्यूटी पर गए हुए थे तब उन्हें पता चला कि उनकी जमीन पर कब्जा हो गया है। जगबीर का कहना है कि उनकी जमीन भूमाफियाओं ने हथिया ली है।
एसडीएम चोर हैं: जवान
बता दे, सूबेदार जगबीर ने बुधवार को मेरठ में एडीएम के यहां आकर जमीन खाली कराने की गुहार भी लगाई। इस दौरान जवान ने बताया, कि उनकी बात नहीं सुनी जा रही है। साथ ही जगबीर ने एसडीएम पर ही जमीन हड़पवाने का आरोप लगा डाला। उन्होंने कहा, एसडीएम सरधना आरोपियों से मिले हुए हैं। जवान ने एसडीएम को चोर तक कह डाला। फौजी के मुताबिक, जब वह स्थानीय थाने पर गया तो पुलिस ने उसे भगा दिया। पीड़ित ने इसकी शिकायत कमिश्नर से की तो उन्होंने एसडीएम सरधना को कार्रवाई के लिए लिख दिया।
This is happening in every village. The army should appoint the best lawyers and punish the culprits so that all jawans should feel safe.