आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और वकील एचएस फुल्का ने पार्टी की प्रथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। फुल्का का इस्तीफा पंजाब में आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। एचएस फुल्का ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को अपना इस्तीफा सौंपा।

एचएस फुल्का ने इसकी जानकारी खुद ट्वीट करके दी है। उन्होंने यह भी कहा है कि वह इस मामले में शुक्रवार को दिल्ली के प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विस्तार से कारण बताएंगे। उल्लेखनीय है कि 1984 के सिख दंगों के मामले में लंबे अरसे से सुप्रीम कोर्ट में पीड़ितों की पैरवी कर रहे एचएस फूलका ने जनवरी, 2014 में आम आदमी पार्टी ज्वॉइन की और उसी साल लुधियाना लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ा लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी रवनीत सिंह बिट्टू से हार गए।

इसके बाद जुलाई, 2017 में उन्होंने दाखा विधानसभा सीट से आप के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते। पार्टी ने उन्हें पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद सौंपा। लेकिन उन्होंने सिख दंगा मामलों के केसों की पैरवी को महत्व देते हुए विपक्ष के नेता का पद त्याग दिया।

बता दें कि 1984 के सिख विरोधी दंगे में हाल ही फैसला आया और सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। आपको बता दें कि फुल्का ने दंगा पीड़ितों का केस लड़ने के लिए कोई फीस नहीं ली। एचएस फुल्का की इस लड़ाई में उनकी पत्नी मनिंदर कौर हर कदम पर साथ खड़ी रहीं। कहा जाता है कि फुल्का के सहयोग के लिए उन्होंने अपनी नौकरी तक छोड़ दी।

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