बुधवार सुबह 8 बजकर 42 मिनट पर ताकतवर सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ का राजस्थान के पोखरण टेस्ट रेंज से सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया। इस दौरान  वहां सेना और डीआरडीओ के अधिकारीगण भी मौजूद रहे। बता दे, ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज एंटी शिप मिसाइल है। इस सफल परीक्षण की जानकारी खुद रक्षा मंत्री सीतारमण ने ट्विटर हैंडल के जरिए दी।

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बीते साल के सफल परीक्षण-

इससे पहले बीते साल 21 अप्रैल 2017 को भारतीय नौसेना के एक पोत से पहली बार जमीन पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था। रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने बताया था, “भारतीय नौसेना के एक टोही पोत से पहली बार जमीन पर मार करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण किया गया, जो सफल रहा”। बता दें कि नौसेना के अंग्रिम पंक्ति के युद्धपोत आईएनएस कोलकाता, रणवीर और तेग क्लास के युद्धपोत इस मिसाइल से पहले ही लैस हैं।

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इसके बाद मई 2017 में भारतीय सेना द्वारा ब्रह्मोस मिसाइल के नए आधुनिक वर्जन ‘ब्रह्मोस ब्लॉक- 3’ का सफल परीक्षण किया था। सेना ने यह परीक्षण अंडमान-निकोबार में किया था। इस परीक्षण को चीन के लिए चुनौती माना जा रहा है। इस परीक्षण में मिसाइल की हमला करने की क्षमता सटीक साबित हुई। इसकी मारक क्षमता की फिर से पुष्टि करने के लिए ही यह परीक्षण किया गया है।

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इसके बाद नवम्बर 2017 में विश्व की सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ का पहली बार परीक्षण किया गया। इसका टेस्ट भारतीय वायुसेना के सुखोई-30-एमकेआई लड़ाकू विमान से किया गया था, जो कि पूरी तरह से सफल रहा। इस परीक्षण के बाद विश्व के अन्य सभी देशों को हराकर भारत विश्व का पहला ऐसा देश बन गया है जिसके पास ज़मीन, समुद्र और हवा, में उपयोग की जाने वाली ऐसी सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल हैं। जिससे दुश्मनों को धूल चटाकर, अच्छा सबक सिखाया जा सकता हैं।

बह्मोस की खासियत

  • बह्मोस एक ऐसी मिसाइल है जो बाकी मिसाइल की अपेक्षा कम ऊंचाई पर उड़ान भरती है इसलिए ये कभी रडार की पकड़ में नहीं आती है।
  • सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का असल वजन 9 टन होता है।

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