जल्द ही हाईकोर्ट द्वारा लिया जाने वाला एक फैसला दिल्लीवासियों की नाराजगी का कारण बन सकता है। पिछले 15 सालों से दिल्ली के झंडेवालान में स्थित हनुमान जी की मूर्ति की गरिमा पर अब संकट गहरा रहा है। 108 फीट ऊंची हनुमान जी की यह मूर्ति करोल बाग से झंडेवालान के बीच में बनी हुई है। करोल बाग में निरंतर बढ़ रहे अतिक्रमण को हटाने के उद्देश्य से हाईकोर्ट ने एमसीडी (Municipal corporation of Delhi) और सिविक एजेंसियों से सवाल करते हुए पूछा है कि क्या इस विशाल मूर्ति को एयरलिफ्ट यानी किसी और स्थान पर शिफ्ट किया जा सकता है?

पिछले डेढ़ दशक से हनुमान जी की ये मूर्ति दिल्लीवासियों के लिए आस्था और सम्रद्धि की प्रतीक बनी हुई हैं। अब अचानक इसे एयरलिफ्ट करने का फैसला दिल्ली के लोगों के लिए परेशानी का सबब बन सकता हैं।

24 नवंबर को होगी सुनवाई-

सोमवार को हाईकोर्ट ने एमसीडी और सिविक एजेंसियों को जमकर फटकार लगाई और पूछा-15 नवंबर तक हनुमान मूर्ति के आसपास से अतिक्रमण हटाने के आदेश के बाद भी अब तक कोई नतीजा सामने क्यों नहीं आया है। करोल बाग की सड़को पर लगातार बढ़ रहे अतिक्रमण को हटाने के लिए हाईकोर्ट ने 15 नवंबर तक का समय दिया था लेकिन कोई नतीजा न निकलने के कारण अब इस मामले पर सुनवाई की अगली तारीख 24 नवंबर तय की गयी है।

कोर्ट ने एमसीडी और सिविक एजेंसियों को हनुमान मूर्ति को करोल बाग से एयरलिफ्ट करने के लिए संभावनाएं तलाशने के लिए निर्देशित किया है।

दिल्ली के करोल बाग क्षेत्र में लोगों की मनमानी का सिलसिला जारी है। मूर्ति के आस पास लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है जिस वजह से आये दिन लोगों को जाम की समस्याओं से झूंझना पड़ता हैं।

हाईकोर्ट ने अपना रूख सख्त करते हुए एमसीडी और सिविक एजेंसियों से इस मामले में रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। साथ ही मूर्ति को एयरलिफ्ट करने के लिए संभावनाएं ढूंढने के लिए निर्देशित किया हैं।

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