पिछले साल शादियों के सीजन में नोटबंदी को लाना और इस साल जीएसटी को लाना, केंद्र सरकार के दो ऐसे फैसले हैं, जिसे लेकर पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है। ऐसे में जीएसटी को लेकर पूरे देश के व्यापारियों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। व्यापारियों की समस्या को देखते हुए जीएसटी यानी वस्तु एंव सेवा कर की व्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार आज बैठक करने जा रही है।
बैठक में छोटे कारोबारियों की समस्याओं को दूर करने के लिए केंद्र सरकार कुछ बड़े फैसलों का ऐलान कर सकती हैं। इस बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री और राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होंगे। इससे पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी प्रमुख अमित शाह और वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ करीब दो घंटे बैठक की थी।
जीएसटी से उम्मीद-
इस बैठक के दौरान छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत देने की उम्मीद जाताई जा रही है। छूट की स्लैब को 75 हजार से बढ़ाकर 1.5 करोड़ तक किया जा सकता है। इससे छोटे कारोबरियों को मदद मिलेगी और वह बिना तीन स्तरीय फाइलिंग प्रॉसेस के रिटर्न फाइल कर सकेंगे। इसके अलावा टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बड़ी राहत मिल सकती है, जिसमें पेट्रोल और डीजल को जीएसटी अंदर लाने की प्रक्रिया पर विचार किया जाएगा।
जीएसटी के इस बैठक नें छोटे करदाताओं पर बोझ कम करने पर भी विचार किया जाएगा। साथ ही कंपोजिशन स्कीम के लिए रजिस्ट्रेशन को दोबारा खोला जा सकता है।
हाल ही में अटल बिहारी सरकार में पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता यशंवत सिन्हा ने भी नोटबंदी और जीएसटी को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा था कि, नोटबंदी एक आर्थिक आपदा है, जिससे ना जाने कितने लोगों का रोजगार छीना है। जबकि जीएसटी से उद्योग पर भारी क्षति हुई और कई धंधे बंद हो गए।’
गौरतलब है कि दशहरे के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी सरकार को छोटे कारोबारियों और किसानों के हितों का ख्याल रखने की सलाह दी थी। बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि उनकी सरकार लकीर की फकीर नहीं है, इसलिए जरूरत के मुताबिक जीएसटी में सारे सुधार किए जाएंगे।