आजकल फिल्में बनना और उसके रिलीज होने से पहले उसपर सेंसर बोर्ड की कैंची चलना आम बात हो गई है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि फिल्मों में दिखाए जाने वाले किसी दृष्य से किसी खास जाति, धर्म के लोगों की भावना को ठेस पहुंचती है तो देश में बवाल हो जाता है। लिहाजा सेंसर बोर्ड इन सभी बातों का ख्याल रखते हुए पहले ही फिल्मों से वैसे दृष्यों को हटा देती है।

भारत के महान अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमर्त्य सेन के जीवन पर निर्देशक सुमन घोष ने एक वृत्तचित्र बनाई है जिसका नाम “एन आर्गुमेंटेटिव इंडियन” है। इस वित्तचित्र को शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज किया जाना था लेकिन निर्देशक सुमन घोष के सामने अब एक समस्या गई है। सेंसर बोर्ड ने अमर्त्य सेन के जीवन पर बनी वित्तचित्र में कई कट लगाने को कहा है। अमर्त्य सेन के वित्तचित्र एन आर्गुमेंटेटिव इंडियन में गाय, गुजरात, हिंदू और हिंदुत्व जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया है। सेंसर बोर्ड ने इस शब्दों पर आपत्ति जताई है और निर्देशक सुमन घोष से इन शब्दों को हटाने के लिए कहा है।

सेंसर बोर्ड के इस आदेश पर सुमन घोष ने कहा कि वे फिल्म में सेन द्वारा गुजरात दंगों पर की गई टिप्पणी से ये शब्द हटाने को कह रहे हैं। वह गाय शब्द को भी हटाना चाहते है और उसकी जगह बीप का इस्तेमाल करने को कह रहे है जोकि बेहद हास्यास्पद है।

घोष ने कहा कि सबसे बड़ी बात यह है कि जब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त इतने बड़े इंसान द्वारा कहे गए शब्दों को हटाया जा रहा है तो इससे पता चलता है कि चीजें किस हद तक पहुंच चुकी है। इसके बाद मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूं कि मैं हैरान हूं। उन्होंने कहा कि हमें पता है कि देश में इस वक्त कैसा माहौल चल रहा है। ‘उड़ता पंजाब’, ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’ जैसी फिल्मों पर विवाद हो रहा है, लेकिन मैंने इस बात की कल्पना भी नही की थी कि किसी पटकथा के तैयार वृत्तचित्र के साथ भी वैसा ही बर्ताव किया जाएगा।

घोष ने कहा, “मैं डॉक्यूमेंट्री से एक भी शब्द को बीप नहीं करूंगा। यहां एक प्रक्रिया है और हम उस प्रक्रिया का पालन करेंगे। देखते हैं क्या होता है और हम इस मुद्दे पर कहां तक जा सकते हैं।”

करीब एक घंटे लंबे इस वृत्तचित्र में अमर्त्य सेन को अपने विद्यार्थियों और कोर्नेल विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्री के प्राध्यापक कौशिक बसु के साथ बेतकल्लुफी से बातचीत करते फिल्माया गया है। इस फिल्म की न्यूयार्क और लंदन में पहले ही स्क्रीनिंग हो चुकी है। कोलकाता में भी सोमवार को फिल्म की खास स्क्रीनिंग की गई।

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