हाल ही भारतीय स्टेट बैंक के द्वारा जारी नये नियमों के फरमान पर सरकार ने संज्ञान लिया है और बैंक से अपील की है कि मिनिमम एवरेज बैलेंस ना रखने पर जुर्माना लगाने के फैसले पर एक बार फिर सोच विचार करें।
दरअसल एसबीआई ने नया नियम लागू किया था जिससे एसबीआई धारकों को तगड़ा झटका लगा था। एसबीआई ने फरमान जारी किया था कि महानगरीय इलाकों में मिनिमम बैलेंस 5,000 रुपए, शहरी क्षेत्रों में 3,000, अर्ध शहरी क्षेत्रों में 2,000 और ग्रामीण इलाकों में 1,000 रुपए तक का बैलेंस होना अनिवार्य है। नियम के अनुसार बैलेंस मौजूद न होने पर 1 अप्रैल से जुर्माना लगाने की बात कही गई थी। सेविंग अकाउंट्स पर 20 से 100 रुपए और करंट अकाउंट्स पर 500 रुपए तक का जुर्माना तय किया गया था, और इसका सीधा असर बैंक के 31 करोड़ धारकों पर पड़ता। साथ ही बैंक ने यह भी फैसला लिया था कि सेविंग अकाउंट्स में तीन बार कैश जमा कराना निशुल्क रहेगा। लेकिन इसके बाद हर कैश ट्रांजैक्शन पर 50 रुपये का चार्ज और सर्विस चार्ज देना होगा। वहीं करंट अकाउंट के मामले में ये चार्ज अधिकतम 20,000 रुपये भी हो सकता है।
बता दें कि एसबीआई के इस फैसले की काफी लोगों ने आलोचना की है। लोगों की नारजगी को देखते हुए सरकार हरकत में आई और फैसला बदलने की अपील करते हुए कहा है कि इस फैसले पर एसबीआई एक बार फिर विचार करें और अपने अकांउट्स धारकों पर जुर्माना न लगाए। एसबीआई के साथ साथ सरकार ने अन्य बैंकों से भी अपील की है क्योंकि एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, जैसे बैंकों ने भी एक महीने में चार बार से ज्यादा कैश जमा कराने या ट्रांजैक्शन कराने पर जुर्माना तय किया था। हालांकि अभी एसबीआई का फैसला नहीं आया है लेकिन उम्मीद है कि फैसला लोगों को राहत देने वाला होगा।