उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष ने पूर्व राजनयिक और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी को अपना उम्मीदवार चुना है। विपक्षी दलों की बैठक में कई नामों पर चर्चा के बाद सर्वसम्मति से गोपालकृष्ण गांधी को उपराष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाने का फैसला किया गया है। अब इस खबर की पुष्टि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी कर दी है।

बता दें कि उपराष्ट्रपति पद का चुनाव पांच अगस्त को होगा और उपराष्ट्रपति पद के लिए नामंकण दाखिल करने की प्रक्रिया चार जुलाई से शुरू हो चुकी है जो 18 जुलाई तक चलेगी।

इस बैठक में कांग्रेस, जेडीयू, टीएमसी, सीपीआई और आरएलडी समेत कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने भाग लिया। मीटिंग की शुरुआत में जम्मू कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के दौरान मारे गए सात श्रद्धालुओं के लिए दो मिनट का मौन रख कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। फिर सभी नामों पर चर्चा हुई और सभी ने गोपालकृष्ण गांधी के नाम पर हामी भर दी।

इस मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, टीएमसी के डेरेक ओब्राइन, सीपीआईएम से सीताराम येचुरी, सपा के नरेश अग्रवाल, नेशनल कॉन्फ्रेंस से उमर अब्दुला, बसपा से सतीश चंद्र मिश्रा और आरएलडी के अजीत सिंह शामिल थे।

गोपालकृष्ण गांधी पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रह चुके हैं और कांग्रेस के साथ भी उनके रिश्ते अच्छे रहे हैं। हालांकि कांग्रेस ने गोपालकृष्ण का नाम लेकर एक बड़ा सियासी दाव खेलने की कोशिश की है। दरअसल इसके पीछे भी सियासी वजहें हैं। महात्‍मा गांधी के सबसे छोटे पौत्र गोपाल गांधी की पारिवारिक जड़ें गुजरात में हैं। इस लिहाज से विपक्ष का मानना है कि उनके उम्‍मीदवार बनने से पीएम मोदी के लिए भी राजनीतिक स्थिति सहज नहीं होगी। संभवत: इन्‍हीं  वजहों से नीतीश-लालू से लेकर सपा और बसपा तक को उनकी उम्‍मीदवारी सूट करती है।

गौरतलब है कि भाजपा ने अभी तक अपने उपराष्ट्रपति उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।

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