तूफान ‘गाजा’ शुक्रवार को तबाही के निशान छोड़कर तमिलनाडु तट से गुजर गया। यह गुरुवार देर रात 110 से 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से नागपट्टनम व वेदारानयम जिलों के समुद्री तट से टकराया। शुक्रवार शाम तक इसकी चपेट में आकर 22 लोगों की मौत हो चुकी थी।

मौसम विभाग के अनुसार, तूफान के असर से तमिलनाडु और पुडुचेरी के कई जिलों में भारी बारिश हो रही है। तमिलनाडु के तिरुवरुर जिले में सबसे अधिक 17 सेमी और तंजावुर में 16 सेमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। जबकि कुड्डालोर जिले में 09 से 12 सेमी और नागपट्टनम जिले में छह सेमी बारिश दर्ज की गई। थोंडी, पमबन, कराईकल और पुडुचेरी में 05 से 10 सेमी तक वर्षा हुई है। तूफान अब कमजोर पड़ गया है और डिंडीगुल व थेनी होते हुए केरल में प्रवेश कर गया है।

इसके अलावा राजमार्गों पर पेड़ गिरने की वजह से कई जगह ट्रैफिक थम गया। संचार व बिजली व्यवस्था भी गड़बड़ा गई है। पर्वतीय स्थल कोडाईकनाल के रास्ते पर पेड़ गिरने से वाहन फंस गए। शिक्षण संस्थानों में अवकाश घोषित कर दिया गया है और परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं।

मौसम विभाग के अनुसार, मानसूनी मौसम के दौरान राज्य में बारिश कम हुई थी। इस बारिश ने तिरुवरुर, तंजावुर और अन्य जिलों में बारिश की उस कमी को पूरा किया है। लिहाजा यह बारिश राज्य के लिए वरदान बनकर आई है।

तमिलनाडु सरकार ने प्रत्येक मृतक के आश्रित को 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को एक-एक लाख और सामान्य घायलों को 25 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। इसके अलावा तूफान से फसलों, मछली पकड़ने वाली नौकाओं, मकानों और मवेशियों को हुए नुकसान का आकलन करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

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