राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को हवा देते हुए रविवार को भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार पर खुलकर निशाना साधा और कहा कि वह  मंदिर बनाने के अपने वादे को पूरा करने में विफल रही है। मंगलवार से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र से पहले विश्व हिन्दू परिषद द्वारा यहां सोमवार को रामलीला मैदान में बुलायी गयी धर्म संसद को संबोधित करते हुए संघ के सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा कि सरकार में बैठे दल को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के अपने वादे को पूरा करना चाहिए भले ही इसके लिए उसे संसद में विधेयक ही क्यों न लाना पड़े। उन्होंने कहा कि जो आज सत्ता में बैठे हैं उन्होंने राम मंदिर बनाने का वादा किया था। उन्हें जनभावना का सम्मान करना चाहिए।

संघ नेता ने कहा कि लोगों की भावना ‘रामराज्य’ की है और वे कोई भीख नहीं मांग रहे हैं। वे अपनी भावनाओं को व्यक्त कर रहे हैं। उच्च्तम न्यायालय में इस मामले की सुनवाई के बारे में उन्होंने कहा कि न्यायालय की प्रतिष्ठा बनी रहनी चाहिए लेकिन न्यायालय को भी जनभावना पर विचार करना चाहिए। विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ,महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, जगदगुरू हंसेदवाचार्य ,साध्वी ऋतंभरा और महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद ने धर्मसभा में अपने विचार रखे।

धर्म संसद में हिस्सा लेने के लिए रविवार तड़के से ही लोगों के हुजूम चारों ओर से रामलीला मैदान पहुंचे। कुछ लोग शनिवार को ही रामलीला मैदान पहुंच गये थे। देश के लगभग हर हिस्से से भगवा वेश में भगवा झंडे तथा गदा आदि लेकर लेकर आये लोगों की भीड़ से रामलीला मैदान पूरी तरह भगवा रंग में सरोबार दिखाई दे रहा था। कुछ लोग रामभक्त हनुमान के वेश में आये थे तो कुछ अयोध्या में बनने वाल राममंदिर की प्रतिकृति लेकर आये हुए थे। जनसैलाब के राममंदिर बनाने तथा जय श्री राम के नारों से आस पास का माहौल पूरी तरह राममय नजर आया।

भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली से सांसद महेश गिरि और रमेश विधुडी भी धर्म संसद में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे। श्री गिरि ने कहा ,“ यह जनसभा लोगों के दुख और पीड़ा को प्रकट करती है। हिन्दुओं ने न्यायालय में आस्था जतायी थी लेकिन लगता है कि यह मामला न्यायालय की प्राथमिकता में नहीं है। यह वही न्यायपालिका है जिसने एक सजायाफ्ता आतंकवादी के मामले को आधी रात में भी सुना था। दिल्ली की सड़कों पर लोग अपनी पीड़ा व्यक्त करने के लिए उतरे हैं। ” विधुड़ी ने कहा ,“ जनसभा में लगभग पांच लाख लोगो की भीड उमडी है। रामभक्त भगवान राम के लिए भव्य मंदिर का निर्माण चाहते हैं और लोग इस काम में अब और देर बर्दाश्त नहीं कर सकते क्योंकि देरी का औचित्य नहीं है ”

वीएचपी के संयुक्त सचिव सुरेंद्र जैन ने यहां कहा, “धर्म संसद का लक्ष्य राम मंदिर निर्माण के लिए सभी राजनीतिक दलों पर दबाव डालना है ताकि संसद के शीतकालीन सत्र में राम मंदिर निर्माण के लिए विधेयक पारित करवाया जा सके।” संगठन के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा,“ यह विशाल जनसभा भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए विधेयक न लाने के पक्षधरों का हृदय परिवर्तित कर देगी।” राजधानी में वीएचपी का यह शक्ति प्रदर्शन संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से ठीक पहले हो रहा है। संसद के शीतकालीन सत्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के अंतिम पूर्ण सत्र के रूप में देखा जा रहा है। उत्तर प्रदेश और केन्द्र में सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने अभी राम मंदिर के बारे में खुलकर अपना दृष्टिकोण स्पष्ट नहीं किया है। संसद के दोनों सदनों में उठने वाले इस मुद्दे से सरकार कैसे निपटेगी अभी इसकी रणनीति पर भी कुछ नहीं बताया गया है।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने समय समय पर राम मंदिर के निर्माण की वकालत जरूर की है। शनिवार को भी उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, “ भव्य राम मंदिर का बिना किसी देरी के निर्माण किया जाना जरूरी है। ” उन्होंने कांग्रेस पर राम मंदिर के निर्माण में बाधा पैदा करने का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के उच्चतम न्यायालय में इस मामले को आगामी लोकसभा चुनाव के बाद तक टालने की दलील का कोई औचित्य नहीं है। विहिप की जनसभा को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने रामलीला मैदान और आस पास के क्षेत्रों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये हैं। पुलिस के अनुसार इस आयोजन को देखते हुए लगभग 15 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। यातायात पुलिस ने भी शनिवार से ही सड़कों पर भीड़- भाड़ को देखते हुए यातायात संबंधी परामर्श जारी किया था।

-साभार, ईएनसी टाईम्स

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