भूमिअधिग्रहण बिल के खिलाफ झारखण्ड में विपक्षी पार्टियों का आंदोलन सड़क से सदन तक दिख रहा है। वहीं इस मसले को लेकर विपक्ष राजभवन भी पहुंचा है और राजयपाल द्रोपदी मुर्मू से इस मसले पर संज्ञान लेते हुए उचित कार्यवाई की गुहार लगा रहा है। बिल के खिलाफ विपक्ष द्वारा पहले संपूर्ण झारखंड बंद फिर महाधरना और उसकेबाद राजभवन पहुंच कर इस मसले से राजयपाल को अवगत कराते हुए मामले में संज्ञान लेने की गुजारिश की गई है।

विधानसभा में  विपक्ष के नेता हेमेत सोरेन ने कहा, ‘झारखंड में सत्ता पर काबिज होने के बाद से रघुवर सरकार यहां के किसान और गरीब जनता के खिलाफ काम करती चली आ रही है, जिसका सबसे बड़ा उदाहरण भूमि अधिग्रहण बिल है। सोरेन ने कहा कि इस बिल को किसी भी कीमत पर झारखंड में लागू नहीं होने नहीं दिया जायेगा।

वहीं झारखंड सरकार के साथ-साथ विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार पर भी निशाना साधने से नहीं चूक रही। आंदोलन कने वाली विपक्षी पार्टियां हर मंच और हर सभा से राज्य सरकार और केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने में लगी हैं। इसी कड़ी में सीपीआई पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने रघुवर सरकार और मोदी सरकार पर निशाना साधा, करात ने कहा, ‘मोदी सरकार और रघुवर सरकार देश में और राज्य में गरीब किसान की जमीन पर नज़र गड़ाए हुए है, सरकार गरीबों की जमीन छीन कर पूंजीपतियों को देने के लिए हर कदम उठा रही है जिसे कभी पूरा नहीं होने दिया जायेगा।

सरकार किसी भी तरह भूमि अधिग्रहण बिल को लागू कराना चाहती है तो विपक्ष इस बिल के विरोध में लगातार प्रदर्शन कर रहा है। विधानसभा के मानसून सत्र के दो दिन भी इस बिल की बली चढ़ चुके हैं। ऐसे में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में इस बिल के बहाने विपक्ष सरकार के सामने कड़ी चुनौती खड़े करने की फिराक में लगा है।

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