भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर और अर्थशास्त्री रघुराम राजन को इस साल का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिल सकता है। दरअसल क्लैरिवेट एनालिटिक्स ने छह संभावितों सूची तैयार की है जिसमें राजन का नाम भी शामिल है। सोमवार को इस पुरस्कार का एलान स्टॉकहोम में किया जाएगा।

बता दें कि राजन का नाम इस लिस्ट में कॉर्पोरेट फाइनेंस के क्षेत्र में किए गए काम के लिए आया है। माना जाता है कि राजन ने वर्ष 2008 में आई अमेरिका में मंदी की भविष्यवाणी बहुत पहले ही कर दी थी। इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ा था। राजन ने वर्ष 2005 में अमेरिका में अर्थशास्त्री और बैंकरों की प्रतिष्ठित वाषिर्षक सभा में शोध पत्र पढ़ा था। इसमें उन्होंने आर्थिक मंदी का अनुमान जताया था, जिसका उस समय मजाक उड़ाया गया। मगर तीन साल बाद यह भविष्यवाणी सच साबित हो गई।

थॉमसन रायटर्स की इकाई रह चुकी क्लैरिवेट एनालिटिक्स ने शोध पत्रों के आधार पर संभावित नोबेल पुरस्कार विजेताओं की यह सूची तैयार की है। क्लैरिवेट एनालिटिक्स अकादमिक और साइंटिफिक रिसर्च कंपनी है जो अपने शोध के आधार पर नोबेल पुरस्कार के संभावित विजेताओं की सूची तैयार करती है। उसकी वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, पिछले 15 सालों में उसके चुने गए अर्थशास्ति्रयों में से 45 नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित हुए।

वहीं इकोनॉमिक्स के लिए नोबेल पुरस्कारों की घोषणा सोमवार को होगी जिसमें विजेता का स्पष्ट नाम मालूम पद जाएगा। हालांकि इस लिस्ट में शामिल होने का यह मतलब नहीं है कि वो दौड़ में सबसे आगे हैं, लेकिन उनके जीतने की संभावना प्रबल हो गई है।

गौरतलब है कि राजन इस समय शिकागो विश्वविद्यालय में बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में प्रोफेसर हैं। साल 2013 में यूपीए सरकार में उन्हें आरबीआई गवर्नर बनाया गया था, राजन आरबीआई  में अपना कार्यकाल बढ़वाना चाहते थे लेकिन एनडीए सरकार की ओर से उन्हें दोबारा मौका नहीं दिया गया।

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