एक तरफ जहां बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 365 सीटों का लक्ष्य निर्धारित किया है। यूपी में 73 प्लस मिशन की राह पर हैं। वहीं यूपी के कुछ भाजपाई नेता बीजेपी की हवा निकालने में जुटे हैं। ताजा मामला बीजेपी की पूर्व विधायक पूर्व शशि बाला पुंडीर का है। जिन्होंने सीएम योगी की खुलेआम मुखालफत करते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। शशि बाला ने प्रदेश अध्यक्ष को भेजे अपने इस्तीफे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर शिकायत की है। शशिबाला ने यूपी बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय को लिखे पत्र में अपनी पीड़ा बयां की है। चारों तरफ भ्रष्टाचार फैला हुआ है, जिले से लेकर सचिवालय तक सभी जगह पैसे लिए बिना जनता के काम नहीं हो रहे हैं। सीएम को प्रशासनिक ज्ञान नहीं है, कारी उनके नियंत्रण से बाहर हैं और जमकर गुमराह कर रहे हैं।
इससे सहारनपुर की सियासी गलियों में कानाफूसी तेज हो गई है। बीजेपी की पूर्व विधायक शशिबाला पुंडीर के खिन्न होने की असली वजह कुछ और दिखती है। आगरा निवासी अपने एक परिचित के मामले में प्रमुख सचिव आवास पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाये हैं।
प्रमुख सचिव आवास के भ्रष्टाचार के बारे में सीएम को बता चुकी थी, फाइल दिखा चुकी थी। सीएम सहमत थे लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा अपनी गलती मानने के बाद भी पीड़ित को अब तक इंसाफ नहीं मिला है। जबकि वह खुद इस मामले में सीएम से मिल चुकी हैं। जनता से किये गए वादे पूरे नहीं किये गये हैं। सहारनपुर की जनता की विभिन्न समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री से मिली लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। खेतों की सिंचाई के लिये ट्यूबवेलों के नाम पर किये गए भ्रष्टाचार की फाइल सीएम को दिखा चुकी हूं, लेकिन अब तक किसी भी समस्या का समाधान नहीं हुआ। जातीय हिंसा पीड़ित गांव शब्बीरपुर के बारे में भी सिर्फ कोरा आश्वासन ही मिला है।
शशिबाला पुंडीर पश्चिमी यूपी की बड़ी नेता मानी जाती हैं। 12वीं विधानसभा के लिए देवबंद से 1991 से 1996 तक विधायक रही शशिबाला अपनी ही सरकारों का विरोध करने के लिये जानी जाती हैं।असलियत जो हो लेकिन मिशन 2019 में जुटी बीजेपी के लिये बिखराव कहीं से ठीक नहीं है।वैसे भी 80 लोकसभा सीटों वाले यूपी का बड़ा गेमचेंजर होना तय है।
ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन