मुंह पर रूमाल रखकर पढ़ने को मजबूर बच्चों की तस्वीरें उत्तराखंड में चल रहे स्वच्छता अभियान की सच्चाई की पोल खोल रही है। कहने को ये स्कूल मॉडल स्कूल है लेकिन इसके सामने गंदगी का अंबार है। स्कूल की रसोई से लेकर हैंडपंप तक बदबू का बसेरा है। ऐसे में ये मासूम अपना भविष्य बनाने की बजाय महामारी और बीमारी के ही शिकार होंगे। ऐसा इसलिये क्योंकि, उधम सिंह नगर के विधानसभा क्षेत्र बाजपुर के सुल्तानपुर पट्टी में अव्यवस्था का आलम है। नगर पंचायत नगर के कूड़े को इकट्ठा करके मोहल्ला टंडाबंजारा स्थित राजकीय आदर्श प्राइमरी के पास डाल रहा है। इसके साथ ही कुछ लोगों ने गोबर के ढेर लगा रखे हैं। इतना ही नहीं साप्ताहिक बाजार में मीट-मांस की दुकानें लगती हैं। जिससे यहां आने-जाने वालों के साथ-साथ स्कूल के बच्चों को भी हर दिन बदबू का सामना करना पड़ता है। बरसात के समय हाल बेहाल हो जाता है। कूड़े के ढेर को सुअरों के साथ-साथ आवारा जानवरों का झंड उन्हें जहां-तहां फैला देता है।जिससे स्कूल के बच्चे बीमारियों की चपेट में आ रहे है।

नगर पंचायत जहां कूड़े डलवा रहा है। वहां स्कूल, पार्क, पशु चिकितशालय और बस्ती है।स्कूल के प्रधानाचार्य ने नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी जीएस सुयाल से इसकी शिकायत की लेकिन उनकी कानों पर जूं तक नहीं रेंगे। मजबूरन शिक्षकों और छात्र-छात्राओ ने मुंह पर रुमाल रखकर नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी और उपजिलाधिकारी के खिलाफ प्रदर्शन किया है।

इन सबों के पीछे नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी जीएस सुयाल का हाथ है। बीजेपी नेता और नगर मण्डल अध्यक्ष रजनी शुक्ला ने जब इसका विरोध किया तो जीएस सुयाल ने उन्हें टका सा जवाब दे दिया। कहा कि कूड़ा डालने की जब तक उचित व्यवस्था नहीं होती है  तब तक कूड़ा स्कूल के सामने ही डाला जाएगा।अब रजनी शुक्ला ने उपजिलाधिकारी से गुहार लगाई है।

स्कूल, पार्क, पशु चिकितशालय और बस्ती के सानमे कूड़ा डाले जाने से हर कोई परेशान है। बदबू के कारण राहगीर से लेकर स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे और टीचर मुंह पर रुमाल रखकर शिक्षा लेने को मजबूर है।गंदगी से बीमारियों के फैलने का खतरा है।लेकिन गंदगी से निजात दिलाने की जिम्मेदारी नगर पंचायत के जिस जिम्मेदार अधिशासी अधिकारी जीएस सुयाल के कंधों पर है उन्हें इससे कोई मतलब ही नहीं है। न ही ये अधिकारी बीजेपी नेता और नगर मण्डल अध्यक्ष की ही सुन रहे हैं।ऐसे में सवाल शासन पर ही खड़े होते हैं।

स्वच्छ भारत मिशन को लेकर भले ही लाख दावे किए जा रहे हों। लेकिन बाजपुर के सुल्तानपुर पट्टी की जमीनी हकीकत बेहद कड़वी है। नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी के आदेश की वजह से स्कूल और बस्ती के सामने कूड़ा डाला जा रहा है। जिससे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से लेकर दुकानदार तक बेहाल हैं।स्थानीय जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता के चलते अचल मे स्वच्छ भारत मिशन को पतीला लगता दिखाई पड़ रहा है।

ब्यूरो रिपोर्ट,एपीएन

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here