एआईडीएमके नेता वीके शशिकला को जेल में अनियमितताओं को उजागर करने वाली पूर्व डीआईजी डी रूपा को शनिवार को राष्ट्रपति पद से नवाजा गया। उन्होंने  आय से अधिक संपत्ति मामले में कर्नाटक के केंद्रीय कारागार में कैद शशिकला को मिलने वाली सुख सुविधाओं का भंडाफोड़ किया था। बेंगलुरु के राजभवन में आयोजित एक समारोह में राज्यपाल वाजूभाई वाला ने उन्हें ये सम्मान प्रदान किया।

इस समारोह में राज्यपाल वाजूभाई वाला के अलावा कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और गृहमंत्री रामलिंगा रेड्डी मौजूद थे। इसके अलावा विशिष्ट सेवा के लिए चयनित अन्य पुलिस पदाधिकारियों को भी राष्ट्रपति पदक से नवाजा गया।

बता दें कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरू के केंद्रीय कारागार से डीआईजी डी. रूपा का तबादला उस वक्त ट्रैफिक में कर दिया था जब उन्होंने जेल में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का खुलासा किया था। इसके बाद उनसे जेल विभाग के डिप्टी आईजी की जिम्मेदारी लेकर ट्रैफिक और रोड सेफ्टी विभाग में कमिश्नर का चार्ज दे दिया गया।

दरअसल तत्कालीन जेल डीआईजी डी रूपा ने जुलाई में पुलिस महानिदेशक को एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें कहा गया कि आय से अधिक संपत्ति मामले में प्रपन्ना अग्रहर केंद्रीय कारागार में बंद शशिकला को विशेष सुविधाएं दी जाती हैं जिसमें खाना बनाने के लिए स्पेशल किचन भी शामिल है। इतना ही नहीं इसमें उन्होंने डीजीपी के भी मिलीभगत होने की बात कही थी।

कौन है डी रूपा

बता दें पुलिस बल में अपने ईमानदार रवैये के चलते रूपा को लोग सुपरकॉप भी कहते हैं। 2000 में आईपीएस अधिकारी बनीं रूपा ने यूपीएससी में 43वां स्थान हासिल किया था। जबकि प्रशिक्षण के दौरान अपने बैच में वह पांचवें स्थान पर रहीं। यही नहीं, रूपा अपने बैच की अकेली अधिकारी रहीं जिन्हें कर्नाटक कैडर मिला। एनपीएस हैदराबाद में प्रशिक्षणप्राप्त रूपा शार्पशूटर भी हैं और शूटिंग में उन्होंने कई पदक जीते हैं। इस सुपरकॉप को उनकी सेवाओं के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रपति के पुलिस पदक से भी नवाजा गया है। रूपा भरतनाट्यम की डांसर होने के साथ-साथ शास्त्रीय हिंदुस्तानी संगीत में भी पारंगत हैं।

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