उत्तराखंड के निकाय चुनाव में पहली बार बैलट पेपर यानी (मतपत्र) पर नोटा को जगह मिली। बता दें कि किसी पार्टी का कोई उम्मीदवार पसंद नहीं होने पर उनमें से किसी को भी अपना वोट न देने की सूरत में मतदाता अपना वोट किसे दे।

इसी सवाल के जवाब में निर्वाचन आयोग ने एक ऐसी व्यवस्था बनाई, जिससे मतदाता लोकतंत्र के महापर्व में भी सरीक हों और वे चुनाव के दौरान नोटा का बटन दबाकर अपना मत का अधिकार भी प्राप्त कर सकते हैं।

इससे मतदाता प्रत्याशियों से अपना विरोध भी जाहिर कर सकते हैं, लेकिन आज तक ये व्यवस्था केवल ईवीएम मशीनों में ही थी। वहीं अब पहली बार उत्तराखंड के निकाय चुनाव में नोटा का उपयोग बैलट पेपर में भी देखने को मिला। बता दें कि नोटा की सुविधा मिलने पर उत्तराखंड के निकाय चुनाव में भी इसका जमकर उपयोग किया गया।

बहरहाल, आपको बता दें कि देहरादून में मेयर प्रत्याशियों के लिए करीब 2369 मतदाताओं ने नोटा पर मुहर लगाई है। रुद्रपुर नगर निगम में 790 मतदाताओं ने नोटा पर मुहर लगाई, काशीपुर में 747 मतदाताओं ने, हल्द्वानी में 848 मतदाताओं ने, हरिद्वार मेयर प्रत्याशियों के लिए 809 मतदाताओं ने नोटा पर मुहर लगाई, ऋषिकेश नगर निगम में 306 मतदाताओं ने, नगर पालिका के 39 अध्यक्ष सीटों में करीब 2500 वोट नोटा को गए और नगर पंचायत के 38 अध्यक्षों के सीटों पर करीब 750 मतदाताओं ने नोटा पर मुहर लगाया।

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