शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सत्ता में आने के बाद अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्रों के साथ-साथ मेडिकल कॉलेज खोलने शुरू किए थे। कि सन 1964 के बाद मध्यप्रदेश में कोई मेडिकल कॉलेज  नहीं खुला था। जबलपुर में मध्यप्रदेश की पहली आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय खोला जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने इस विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया।

इसकी वजह से प्रदेश में चिकित्सकों की भी कमी रही। प्रदेश में सभी प्रकार की विधाओं के कॉलेज खोले गए, लेकिन एक आयुर्विज्ञान संस्थान की आवश्यकता महसूस हुई, जिसे अब पूरा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस कॉलेज में हिंदी भाषा में पढ़ाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देशों में वहां की भाषाओं में ही पढ़ाई होती है, इसलिए मेडिकल यूनिवर्सिटी में भी हिंदी भाषा में पढ़ाने की शुरूआत की गई है।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मेडिकल छात्रों से अपील की है कि वे मन लगाकर पढ़ाई करें और अच्छे डॉक्टर बने, इसके लिए प्रदेश सरकार हर साल बच्चों की फीस जमा कर रही है। उन्होंने कहा कि टीबी और न्यूरोलॉजी के सुपर स्पेशलिटी विभाग बनाने के लिए 44 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं साथ ही 183 नए पद भी सृजन किये हैं. कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि सबसे पहले गरीबों, महिलाओं और युवतियों को इलाज की सुविधाएं आसानी से मिले इसके लिए सरकार ने सात मेडिकल कॉलेज शुरू करवाएं हैं, जो कि बड़ी उपलब्धि है।

बता दे कि एलोपैथी की तरह ही आयुर्वेद में भी शोध करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत देश के 10 करोड़ गरीब परिवारों का पांच लाख रुपये तक का इलाज राज्य सरकार करवाएगी। इस योजना के तहत मरीज निजी अस्पतालों में भी इलाज कराव सकेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here