जम्मू कश्मीर के कठुआ में महज 8 साल की बच्ची के साथ हुए बलात्कार से जहां एक ओर राजनेता इसे राजनीतिक मुद्दा बनाकर केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर मृतक रेप पीड़िता का परिवार भी इंसाफ भी राह तकते तकते आग बबूला हो रहा है। बेटी के साथ हुए बलात्कार और हत्याकांड में अब आसिफा के पिता का गुस्सा फूट पड़ा है। बच्ची के पिता ने कहा, कि आठ साल की एक मासूम बच्ची जो दायां हाथ और बायां हाथ न पहचानती हो, उसके बर्बर बलात्कार और हत्या के बाद क्या हिंदू-मुस्लिम करना उचित है? बता दे, बच्ची का पिता अपना सारा सामान समेट कर 600 किमी दूर पहाड़ों पर निकल चुका है।
बच्ची के पिता ने सहयोगी अखबार से बातचीत में रोते हुए बताया, कि ‘उन्हें बदला लेना ही था तो वे किसी और से लेते, एक निर्दोष बच्ची ने क्या बिगाड़ा था। जबकि उसे यह भी नहीं पता था कि मेरा दायां हाथ कौन सा है और बायां हाथ कौन-सा है, कभी उसने ये नहीं समझा कि हिंदू क्या होता है और मुसलमान क्या होता है।’
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बताया जा रहा है कि उनके तीन बच्चे थे जिनमें से आसिफा सबसे छोटी थी। दो बेटे हैं जो 11वीं और छठी क्लास में पढ़ते हैं, जो पास ही के गांव में पढ़ने जाते हैं। नाम आंखों से पिता ने कहा, आसिफा को उन्होंने अपनी बहन से गोद लिया था, जब एक दुर्घटना में उनकी बहन के दो अन्य बच्चों के साथ मौत हो गई थी। पिता ने रोते हुए कहा, ‘बच्ची हर समय मां के साथ रहती थी और हर काम में उनकी मदद करती थी।’ जब पिता बाहर जाते तो वह भी उनके साथ बाहर जाने की जिद करती थी।
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पिता ने ये भी बताया, कि बच्ची की मां का जोर था कि इस साल गर्मियों में उसे किसी निजी स्कूल में दाखिला दिलाया जाएगा। हालांकि हमने ये नहीं सोचा था कि बच्ची को पढ़ाकर डॉक्टर या टीचर बनाएंगे, हमने इतनी बड़ी सोच नहीं रखी थी। हमने तो बस यही सोचा था कि सुंदर है, पढ़ लेगी तो किसी अच्छे घर में चली जाएगी।