मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में आने वाले काल की तैयारी कर रही है। इससे पहले पार्टी में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा तेजी से हो रही है। इस बार मंत्रिमंडल में बड़ा बदलाव हो सकता है। पार्टी अपने पुराने सहयोगी शिवसेना को साथ लाने की कोशिश करेगी। वहीं शिवसेना भी जांच एजेंसियों से परेशान है। इससे आकलन लगाया जा सकता है कि शिवसेना बीजेपी के साथ आने के लिए आईं बाईं नहीं करेगी। अगर शिवसेना बीजेपी के साथ आती है तो कांग्रेस फिर महाराष्ट्र में अनाथ हो जाएगी।

एक अधिकारिक अखबार में छपी खबर के अनुसार बीजेपी में मंत्रिमंडल विस्तार बहुत जल्द हो सकता है इसके लिए आईबी  को संभावित मंत्रियों की सूची बना कर सौंपी गई है। इस खबर पर पार्टी की तरफ से कोई पुख्ता बयान नहीं आया है।

इस सूची में शिवसेना का नाम सबसे उपर है, बीजेपी महाराष्ट्र में सूखी फसल को फिर से सिंचने की कोशिश कर रही है। शिवसेना को साथ लाने की पूरी तैयारी है। वहीं गठबंधन सरकार में गांठ पड़ती दिख रही है। पार्टी को इसका फायदा बोनस के तौर पर काम करेगा।

शिवसेना के तेज तर्रार नेत संजय राउत का सुर पीएम नरेंद्र मोदी के लिए काफी समय से मख्खन भरा रहा है। बीजेपी रणनीति के अनुसार पार्टी उद्धव ठाकरे को राज्य का सीएम रहने दे और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणनवीस को दिल्ली का नेवता मिल जाए।

वैसे फडणनवीस से बीजेपी के आका खुश नहीं है। खासकर तब से जब उन्होंने पार्टी के पोस्टरों पर नरेंद्र के साथ अपना पहला नाम देवेंद्र डाला था। लेकिन उनपर नागुर की महिमा हो सकती है। बीजेपी मरहम के तौर पर दो डिप्टी सीएम और और एक मंत्रालय दे सकती है।

वैसे भी शिवसेना जांच एजेंसियों से पीछा छुड़ाते हुए थक गई है। यह रेस खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में पार्टी को बीजेपी का दामन थामने के सिवा कुछ दिख नहीं रहा है।

वर्तमान में केंद्रीय मंत्रिमंडल में 53 मंत्री हैं। संविधान के मुताबिक अधिकतम 81 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इस हिसाब से मंत्रिमंडल में 28 और लोगों को समायोजित किया जा सकता है।

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