उत्तर प्रदेश के इटावा जिला सामाजिक वानिकी विभाग ने दावा किया है कि तकनीकी खामी के कारण 13 लाख से अधिक वृक्षारोपण के बावजूद जिले को पांचवें नम्बर पर संतोष करना पड़ा। इटावा जिला सामाजिक वानिकी के प्रभागीय निदेशक सत्यपाल ने रविवार को यहां बताया कि तकनीकी खामियों के कारण वृक्षारोपण के मामले में इटावा पूरे प्रदेश में पांचवें स्थान पर रहा। यदि तकनीकी खराबी नहीं होती तो जिला पहले नम्बर पर होता। उन्होंने बताया कि पौधारोपण का डाटा फीडिंग की प्रकिया सर्वर के स्लो होने के कारण समय पर लोड नहीं हुआ। इसके परिणामस्वरूप 13 लाख से अधिक पौधे लगाने वाला जिला पांचवें पायदान पर पहुंच गया है जबकि 11 लाख पौधे लगाने वाला संत कबीरनगर जिला पहले पायदान पर आ गया।

सत्यपाल ने बताया कि पौधारोपण अभियान में इटावा प्रदेश में पांचवें पायदान पर रहा है। विभाग ने शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य से भी अधिक पौधे लगाए हैं। इन सभी पौधों की हिफाजत की भी पूरी व्यवस्था की गई है। यदि कहीं गड़बड़ी होगी तो पौधे को बदल दिया जाएगा। प्रयास यह है कि सभी पौधे हरे-भरे रहें और बढ़ें। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पांचवें नंबर पर पहुंचना एक बड़ी उपलब्धि है। शासन की ओर से इटावा को दस लाख 79 हजार आठ सौ बयासी पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस लक्ष्य को बढ़ाकर 13 लाख छह हजार 319 कर दिया गया। इसके साथ ही पौधारोपण का अभियान शुरू हुआ। 15 अगस्त को वृहद पौधारोपण किया गया। इसे मिलाकर जिले में शासन व प्रशासन की ओर से निर्धारित लक्ष्य से भी आगे बढ़कर 13 लाख 19 हजार 996 पौधे लगाए गए हैं।

जिला वनाधिकारी ने बताया कि इन पौधों का सत्यापन भी कराया गया तथा इन्हें जीवित रखने के लिए भी पूरी व्यवस्था की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि जिन स्थानों पर पौधारोपण किया गया है। वहां अंतिम पौधा जन प्रतिनिधि या अधिकारी से लगाया गया। इसके साथ ही पौधारोपण का सत्यापन भी किया गया। इस कार्य में सभी विभागों का सहयोग मिला है। जिले में जो पौधारोपण हुआ है उसमें वन विभाग ने आठ लाख दस हजार 665 तथा अन्य विभागों ने पांच लाख नौ हजार 331 पौधे लगाए हैं। सभी के सहयोग से यह अभियान सफल हो सका है। वन विभाग ने पौधारोपण के लिए अपनी जो साइटें चुनी थी, उन सभी पर पौधे लगाए गए हैं। नहरों तथा सड़कों के किनारे भी पौधारोपण किया गया है और उनकी देखरेख भी की जाती रही है। वन विभाग ने कुल 34 साइट पर पौधे लगाए हैं।

उन्होंने बताया कि पौधारोपण के साथ ही ऑनलाइन फीडिंग भी की जानी थी और इसी फीडिंग के आधार पर प्रदेश भर में जिलों की स्थिति तय की गई है। इटावा में फीडिंग में कुछ परेशानी हो जाने के कारण जिले को पांचवें नंबर पर रहना पड़ा। वैसे इटावा में संत कबीरनगर से भी ज्यादा पौधे लगाए गए हैं, जो नंबर एक पर रहा है। 13 अगस्त तक इटावा नंबर एक पर था। इस संबंध में विभाग के उच्चाधिकारियों को लिखा गया है। यदि इटावा में लगाए गए सभी पौधों को इसमें शामिल कर लिया जाए तो इटावा नंबर एक पर आ जाएगा। उन्होंने बताया कि इटावा में शीशम, नीम, जामुन, पाखर, पीपल जैसे पेडों का पौधारोपण किया गया है। सत्यपाल ने बताया कि पौधारोपण के बाद वन विभाग द्वारा अब वृक्षों का अवैध कटान और अवैध खनन रोकने के लिए अभियान चलाया जाएगा। जिले के सभी रेंज अफसरों से कह दिया गया है कि इस मामले में पूरी तरह सतर्क रहें। वृक्षों का कटान न होने दें तथा इस अभियान में लगाए गए पौधों की सुरक्षा करें। इसके साथ ही मिट्टी का अवैध खनन भी रोका जाएगा। मिट्टी के अवैध खनन से कई परेशानियां सामने आती हैं तथा पर्यावरण की स्थिति भी बिगड़ती है।

उन्होंने बताया कि वन विभाग की जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा। ऐसी सूचनाएं मिल रही हैं कि वन विभाग की जमीन पर कुछ स्थानों पर अतिक्रमण कर लिया गया है। अब अभियान चलाकर उसे अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा। फिलहाल अभी करीब 30-32 हेक्टेयर वन विभाग की भूमि के मामले उनके सामने आये हैं, जिन पर अतिक्रमण कर लिया गया है। इस अतिक्रमण को एक सप्ताह के अंदर अभियान चलाकर हटा दिया जाएगा। वन विभाग की भूमि कब्जा मुक्त कर ली जाएगी। इस कार्य में जिला प्रशासन का सहयोग भी लिया जाएगा।

साभार-ईएनसी टाईम्स

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here