हाल ही में नोटबंदी की मार झेल चुके व्यापारी अब जीएसटी की मार झेल रहे हैं। हर महीनें अब उनको जीएसटी रिटर्न भरना है। ऊपर से शुरूआती दौर में जीएसटी को लेकर इतना कन्फ्यूजन है कि व्यापारी समझ नहीं पा रहे हैं कि वो बिजनेस करें या जीएसटी समझें। हालांकि सरकार ने जीएसटी रिटर्न कैसे भरना है, उसके लिए कई मार्ग सुझाए हैं। मीडिया भी अपने स्तर पर व्यापारियों की मदद कर रही है। अगस्त के लिए जीएसटी रिटर्न भरने का बुधवार को आखिरी दिन था। इस दिन 22 लाख से भी ज्यादा कारोबारियों ने रिटर्न फाइल किया। आखिरी दिन जीएसटीएन पोर्टल पर कारोबारियों की काफी भीड़ रही।

इस बीच जीएसटी को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि एक दिन में 24 लाख रिटर्न ही दाखिल किए जा सकते हैं। जीएसटी नेटवर्क की क्षमता प्रति घंटे एक लाख रिटर्न संभालने की है। उन्होंने व्यापारियों से निवेदन किया कि वो आखिरी दिन से पहले ही जीएसटी रिटर्न भरें। दरअसल, एक जुलाई को जीएसटी को लागू किए जाने के बाद यह दूसरा महीना था जब जीएसटीआर-3बी फार्म दाखिल किए जाने थे। पिछले महीने की तरह इस महीने भी बड़ी संख्या में कारोबारियों ने आखिरी दिन ही जीएसटी रिटर्न भरा।

पिछले महीने करीब 47 लाख जीएसटीआर रिटर्न दाखिल किए गए थे जिससे सरकारी खजाने को 95,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। बता दें कि वस्तु एवं सेवा कर के आइटी तंत्र जीएसटीएन में तकनीकी खामियों से न सिर्फ आम कारोबारियों को दिक्कत हो रही है, बल्कि जीएसटी सुविधा प्रोवाइडर भी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के संबंध में बार-बार समयसीमा में फेरबदल के चलते इन्हें खासी दिक्कत आ रही है। हालांकि सरकार की दलील है कि अधिकतर करदाता रिटर्न दाखिल करने के लिए आखिरी तिथि का इंतजार करते हैं। इसके चलते जीएसटीएन पर अंतिम दिन बोझ पड़ जाता है। 

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