इवीएम से छेड़छाड़ का मामला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। विपक्षी पार्टियां लगातार दावा कर रही है कि यूपी चुनाव में बड़े पैमाने पर इवीएम से छेड़छाड़ की गई जिसका फायदा बीजेपी को हुआ। विपक्ष के इन आरोपों से चुनाव आयोग की विश्वसनीयता भी खतरे में आ गई है। इस खतरे से निकलने और जनता में अपनी विश्वसनीयता बरकरार रखने के लिए चुनाव आयोग जल्द ही एक ओपन वर्कशॉप आयोजन करने जा रहा है। चुनाव आयोग के मुताबिक सभी पार्टियों के नेताओं को इस वर्कशॉप में ईवीएम में छेड़खानी करने के अवसर दिए जाएंगे। ईवीएम पर छेड़खानी का आरोप लगाने वाले लोगों को मौके दिए जाएंगे कि वे ईवीएम में छेड़छाड़ करके दिखाएं।
पहले भी हुई है ईवीएम की शिकायत
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने कुछ दिन पहले भी आरोप लगाने वाली पार्टियों को एक पत्र भेजा था जिसमें कहा था कि उनके द्वारा लगाए गए आरोप बेबुनियाद है। चुनाव आयोग ने दावा किया था कि उन्हें इन मशीनों की विश्वसनीयता पर पूर्ण विश्वास है। इस पत्र में पहले की घटनाओं के बारे में उल्लेख किया है, जिसमें लिखा है कि सन् 1999, 2001 और 2004 में क्रमश: कर्नाटक, मद्रास और बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी ईवीएम के ऊपर उठाए सवालों अयोग्य बताते हुए ईवीएम के उपयोग को बरकरार रखा है। कर्नाटक और मद्रास उच्च न्यायालय ने ईवीएम के उपयोग को बैलट बॉक्स से ज्यादा विश्वसनीय, सुरक्षित और निष्पक्ष बताया था।
चुनाव आयोग ने आगे अपने पत्र के जरिए बताया कि कैसे तकनीकि रूप से ईवीएम का इस्तेमाल ज्यादा सुरक्षित है और किन बड़े संस्थानों ने इसे प्रमाणित भी किया है। आयोग ने कहा कि डीआरडीओ, इलेक्ट्रॉनिक अनुसंधान एवं विकास केंद्र और आईआईटी मुंबई सहित शीर्ष राष्ट्रीय निकायों के कई तकनीकी विशेषज्ञों ने विभिन्न अवसरों पर ईवीएम के इस्तेमाल का समर्थन किया है।
चुनाव आयोग ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया में संपूर्ण प्रक्रियात्मक सुरक्षा बनाए रखा है, सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ बहुस्तरीय जांच और संतुलन तंत्र एक नि: शुल्क और निष्पक्ष चुनाव करता है। इसलिए बहुजन समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी द्वारा ईवीएम की खराबी वाले आरोप बिल्कुल आधारहीन है। इसी बात को साबित करने के लिए एक बार फिर चुनाव आयोग ने सभी विपक्षी पार्टियों को खुली चुनौती दे दी है कि वे वर्कशॉप में आएं और ईवीएम में छेड़छाड़ करके दिखाएं।
केजरीवाल को लगा झटका
चुनाव आयोग की चुनौती सबसे ज्यादा अरविंद केजरीवाल के लिए अहम है क्योंकि वह ही ईवीएम में खराबी का दावा पूरे जोर शोर से कर रहे है। अब चुनाव आयोग ने खुली चुनौती दे दी है। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने केजरीवाल को एक और झटका दे दिया है। आयोग ने केजरीवाल द्वारा दिल्ली में लगाए गए एक पोस्टर पर रिपोर्ट मांगी है। इस पोस्टर में दिल्ली में एससीडी चुनाव के मद्देनजर जनता से सवाल पूछा गया है कि उन्हें केजरीवाल पसंद है या बीजेपी नेता विजेद्र गुप्ता। इस पोस्टर पर चुनाव आयोग ने आपत्ति जताते हुए अरविंद केजरीवाल से जवाब मांगा है।