MCD चुनाव में मिली करारी हार के बाद भी आम आदमी पार्टी के सर से संकट के बादल हटने का नाम नहीं ले रहे हैं। ईवीएम में खराबी को अपनी हार की वजह बताने वाली केजरीवाल की पार्टी को चुनाव आयोग एक नई टेंशन देने की तैयारी में है। ताजा ख़बरों के मुताबिक चुनाव आयोग आप के 21 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की सिफारिश कर सकता है।
आम आदमी पार्टी के कुछ विधायकों पर लाभ के पद का फायदा उठाने के खिलाफ दायर याजिका पर चुनाव आयोग 15 मई को अपना रूख स्पष्ट कर सकता है। अगर चुनाव आयोग आप के 21 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की सिफारिश कर देता है तो ऐसे में अरविंद केजरीवाल को एक और चुनावी दौर से गुजरना पड़ सकता है। हालांकि 21 विधायकों के अयोग्य होने के बाद भी केजरीवाल सरकार के पास बहुमत रहेगा, लेकिन भविष्य में उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
गौरतलब है कि बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया है कि 21 ‘आप’ विधायकों की संसदीय सचिव के तौर पर नियुक्ति गलत है। यही नहीं, उन्होंने दावा किया कि दिल्ली विधानसभा में इन 21 विधायकों के लिए कमरे बन रहे हैं जिसमे लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं। गुप्ता ने कहा कि “21 संसदीय सचिव के लिए विधानसभा में कमरे तैयार करने में लाखों खर्च किये गए, इनकी नियुक्ति पहले की गई थी जबकि कानून में संशोधन बाद में किया गया, इस संसोधन को भी अभी केंद्र से मंज़ूरी नहीं मिली है ऐसे में ये नियुक्ति गलत हैं। “
इन्ही बातों के आधार पर आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की याचिका दाखिल की गई। विधायकों पर कानून का उल्लंघन कर ‘लाभ का पद’ लेने का आरोप लगाया है। सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग पहले ही इस मामले में राष्ट्रपति को अपने रुख से अवगत कराना चाहता था लेकिन ईवीएम विवाद के कारण इस प्रक्रिया में देरी हो गई।