देश अभी सुकमा नक्सली हमले के सदमे से उबर भी नहीं सका था कि आज जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में एक आतंकी हमले में तीन जवानों की शहादत की खबर सामने आ गई।  यह आतंकी हमला कुपवाड़ा के पंजगाम में आज सुबह तडके करीब 4:30 बजे हुआ।  इस हमले को भी उरी हमले की तर्ज़ पर आतंकियों ने अंजाम दिया।  आतंकियों ने अँधेरे का फायदा उठाया और कैंप में घुसते ही अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दी।  इस आतंकी हमले में एक कैप्टेन सहित तीन जवान शहीद हो गए जबकि पांच जवानों के घायल होने की भी खबर है।  सेना ने जवाबी कारवाई करते हुए दो आतंकियों को मार गिराया। इस आतंकी हमले में शहीद होने वालों में 25 वर्षीय कैप्टन आयुष यादव कानपुर से, 46 वर्षीय सूबेदार भूप सिंह राजस्थान से और 38 वर्षीय नायक वेंकट रमन विशाखापट्टनम से शामिल हैं।  

मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों के पास से तीन एके-47,नौ मैग्जीन,एक चाइनीज पिस्टल, हैंड ग्रेनेड्स, मैपिंग शीट्स, दो जीपीआरएस इक्वीपमेंट, एक स्मार्ट फोन बरामद हुआ है। इस मुठभेड़ में एक आतंकी भागने में सफल रहा। ख़बरों के मुताबिक सेना के कैम्प में आतंकियों ने दो लेयर की फेंसिंग को काट कर अन्दर प्रवेश किया था। आतंकियों ने अन्दर आने के बाद सबसे पहले ऑफिसर कॉम्प्लैक्स को अपना निशाना बनाया और उसके बाद वे अन्य जगहों के लिए आगे बढ़े।

इस आतंकी हमले की जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास पंजगाम सेक्टर में गुरुवार तड़के लगभग 4.30 बजे पंजगाम सैन्य शिविर पर फिदायीन हमला हुआ। प्रवक्ता ने बताया, ‘इस हमले में तीन जवान शहीद हो गए जिसमें एक कैप्टन और दौ गैर कमिशन अधिकारी हैं। सेना ने जवाबी कारवाई करते हुए आतंकियों को मुह तोड़ जवाब दिया है।  सेना ने पूरे इलाके को अपने कब्जे में लिया और सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

इस हमले से पहले भी जम्मू कश्मीर के नौहट्टा में सीआरपीएफ कैंप पर ग्रेनेड हमला हुआ था।  इस हमले में एक पुलिसकर्मी शहीद हो गया था।  इसके अलावा उरी, पठानकोट और कुपवाड़ा में हुए आतंकी हमलों में भी सेना के जवानों को निशाना बनाया गया था। आपको बता दें कि आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान आज फिर सेना पर पत्थरबाजी की घटनाएँ सामने आई हैं।

कश्मीर में सेना पर हुए हमले के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हाई लेवल मीटिंग बुलाई गई थी। इस बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी और मंत्रालयों के प्रतिनिधि शामिल हुए।  इसमें घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं के साथ कश्मीर में हाल के दिनों में बिगड़े हालात और इनसे निपटने के तरीकों पर भी चर्चा की गई। इसके अलावा कश्मीर के लिए जारी किये गये 80 हज़ार करोड़ रुपये के पैकेज पर भी समीक्षा की गई है।  

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