चुनाव आयोग 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में इस बार बदलाव करने की तैयारी कर रहा है। चुनाव आयोग ने नौ चुनाव चिन्ह को सुरक्षित रख लिया है। जिसे किसी भी निर्दलीय प्रत्याशी या फिर पार्टी को नहीं दिया जाएगा।

आम चुनाव 2019 के दौरान दिल्ली से चुनाव मैदान में उतरने वाले निर्दलीय प्रत्याशी और अचानक पर्चा दाखिल करने वाले रजिस्टर राजनीतिक दल के प्रत्याशी को ट्रक, ऑटो रिक्शा, बांसुरी, सीटी, बिजली का खंभा, बाल्टी, जूता, डीजल पंप और चेन चुनाव निशान के तौर पर नहीं दिया जाएगा।

चुनाव आयोग ने इलेक्शन सिंबल्स (रिजर्वेशन एंड अलॉटमेंट) ऑर्डर 1968 के पैरा 10बी में आवेदन करने वाले 29 रजिस्टर गैर मान्यता प्राप्त दलों को अलग-अलग राज्यों के लिए एक समान चुनाव चिन्ह आवंटित किए हैं।

दिल्ली में सात लोकसभा सीटों पर 2014 के फाइनल चुनावी दंगल में उतरने वाले प्रत्याशियों की संख्या 150 थी, जिसमें सबसे कम 14 प्रत्याशी उत्तर पश्चिम दिल्ली से थे। जो भी प्रत्याशी मैदान में होते हैं वह अपनी पसंद का चुनाव चिन्ह मांगते हैं और ऐसे प्रत्याशियों की संख्या बहुत होती है।

बता दें कि इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को आरक्षित किए गए नौ चुनाव चिन्ह नहीं मिल पाएंगे। मालूम हो कि प्रत्याशी सबसे अधिक बांसुरी, सीटी और बाल्टी चिन्ह मांगते हैं। चुनाव की तारीख की घोषणा मार्च में हो सकती है। इसके मद्देनजर पार्टियां पूरी तरह से तैयार हैं। इनमें कुछ पार्टियां रजिस्टर हैं और उनके भी चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिए गए हैं।

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