मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले में कर्ज से परेशान होकर जान देने वाले एक किसान ने मरने के बाद अपनी आंखें किसी जरूरतमंद को दान करने की इच्छा जताई है। बुधवार दोपहर मुंगावली क्षेत्र के पिपरिया मल्हारगढ गांव के एक किसान चंद्रभान सिंह लोधी (40) ने ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली। किसान की जेब में मिले सुसाइड नोट से खुलासा हुआ कि उसके पिता ने जो कर्ज लिया था, उसे वसूलने के लिए साहूकार उसे धमका रहा था। किसान ने अपने सुसाइड नोट में न केवल सरकार से किसानों के कर्ज माफ किए जाने की अपील की है, बल्कि यह इच्छा भी जताई है कि अगर मरने के बाद उसकी आंखें सलामत रहें तो वे किसी को दान कर दी जाएं।

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पुलिस सूत्रों ने बताया कि मृतक किसान ने सुसाइड नोट के जरिए सरकार से कर्ज माफ करने की

मांग करते हुए लिखा है कि उसके परिवार से कर्ज न वसूला जाए। किसान ने मरने से पहले अपने रिश्तेदारों से अपने दोनों बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ाने का भी आग्रह किया है।

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मुंगावली थाना प्रभारी कुशल सिंह भदौरिया ने बताया, कि सुसाइड नोट में लिखी सभी बातों की सत्यता की जांच की जा रही है। सुसाइड नोट की जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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