नोटबंदी के बाद सभी लोगों को आने वाले नए नोटों के लिए काफी इंतजार करना पड़ा लेकिन क्या आपको पता है कि नए नोटों को छापने के लिए सरकार को कितना पैसा खर्च करन पड़ता है। केंद्र सरकार ने बताया कि 500 और 2000 रूपये के नोटों को बनाने में कितनी लागत होती है। 500 रूपये के नोटों में 2.87 से 3.09 रूपये की लागत लगती है। वहीं 2000 रूपये के नोटों में 3.54 से 3.77 रूपये की लागत लगती है। केंद्रिय वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस बात की जानकारी बुधवार को सदन में दी। 10 दिसंबर, 2016 तक भारतीय रिजर्व बैंक में कुल 12.44 लाख करोड़ रुपये राशि के पुराने नोट जमा हुए थे। 24 फरवरी तक देश में कुल प्रचलन मुद्रा 11.641 लाख करोड़ रुपये थी।

मेघवाल ने यह भी बताया कि अभी 500 और 2000 रुपये के नए नोटों की छपाई पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है इसलिए छपाई में आई कुल लागत को बताना संभव नहीं है। नोटबंदी के बाद आयकर विभाग ने 1,100 से अधिक तलाशी और जांच अभियान चलाए। इन अभियानों के तहत 10 जनवरी, 2017 तक 610 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का कीमती सामान बरामद किया गया था जिसमें 513 करोड़ रुपये की नगदी और 5,400 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय का थी। संसद में बताया गया कि नोटबंदी के बाद बैंक खातों में ज्यादा रकम जमा करवाने वाले लोगों में करीबन 5,100 नोटिस जारी किए गए हैं।

गौरतलब है कि सरकार ने पिछले साथ 8 नवंबर को 500 और 1000 के नोटों को बंद करने का फैसला लिया था। आपको बता दें कि देश में जितनी करंसी सर्कुलेशन में थी, उसका 86 प्रतिशत 500 और 1000 के नोट थे।

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