लाल किले की दिवारों को जवानों के खून से लाल करने वाले आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ दिल्ली पुलिस सख्त हो गई है। अब तक 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। इसमें किसान नेता राकेश सिंह टिकैत, योगेंद्र यादव और वी एम सिंह का नाम शामिल है। इन सभी नेताओं को क्राइब ब्रांच ने नोटिस जारी कर दिया है। पीछले दो महीने से गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का नेतृत्व करने वाले भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश सिंह टिकैत को क्राइम ब्रांच ने नोटिस जारी किया है साथ ही आज पूछताछ के लिए बुलाया भी है।

6 नेताओं को क्राइम ब्रांच ने पुछताछ के लिए बुलाया है लेकिन राकेश सिंह टिकैत ने पेश होने से इंकार कर दिया है। बता के कि, कल के माहौल की बात करें तो राकेश सिंह टिकैत सरेंडर करने की बात कर रहे थे। किसानों का जुंड अपने गांव की तरफ मुड़ चुका था लेकिन टिकैत के आंसुओं ने किसान आंदोलन में जान डाल दी। हजारों की संख्या में किसान गाजीपुर बॉर्डर पहुंच गए हैं। वहीं बाकी लोग अपने गांव से निकल चुके हैं। किसानों का जोश हाई देख कर उनके नेता ने क्राइम ब्रांच के सामने पेश होने से मना कर दिया है।

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने किसान नेता बूटा सिंह बुर्जगिल, दर्शन पाल सिंह, राकेश टिकैत, शमशेर पंधेर और सतनाम पन्नू को नोटिस भेजा है। में देशद्रोह और UAPA के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।

स्पेशल सेल के बड़े अधिकारियों के मुताबिक यूएपीए के तहत जो केस दर्ज किए गए हैं, उसमें ITO समेत सभी जगह जो हिंसा हुई है, उसकी जांच की जाएगी।

दिल्ली पुलिस सोशल मीडिया इसके अलावा आईटीओ और लाल किला समेत कई जगहों के सीसीटीवी फुटेज के जरिए सबूत जमा कर रही हैं। पुलिस ने अब तक सोशल मीडिया से अब तक 350 से ज्यादा वीडियो जमा किए हैं। इनके आधार पर पुलिस उपद्रवियों की पहचान की कोशिश में है।

किसानों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया  है। साथ इन सभी के पासर्पोट को पुलिस जब्त करने की तैयारी कर रहा है। बता दें कि गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली हिंसा में 394 पुलिस कर्मी घायल हैं। कई तो आईसीयू में भर्ती भी हैं।

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