Delhi Lokayukt: झारखंड हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस हरीश चंद्र मिश्रा दिल्ली के लोकायुक्त नियुक्त

Delhi Lokayukt: लगभग 11 साल हाई कोर्ट के जज के रूप में काम करने के बाद अब कार्यपालिका के एक महत्वपूर्ण अंग यानी लोकायुक्‍त का कार्यभार जस्टिस हरीश चंद्र मिश्रा संभालेंगे।

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Delhi Lokayukt: लगभग 11 साल हाई कोर्ट के जज के रूप में काम करने के बाद अब कार्यपालिका के एक महत्वपूर्ण अंग यानी लोकायुक्‍त का कार्यभार जस्टिस हरीश चंद्र मिश्रा संभालेंगे। वे दिल्ली के नए लोकायुक्त के रूप में काम करेंगे। इतनी बड़ी जिम्‍मेदारी मिलने के बाद उन्‍होंने कहा कि काम पूरी निष्‍पक्षता के साथ करना है।

उन्‍हें जीरो टोलनरेंस की नीति के तहत काम करना है। गलत मंशा से किए गए मुकदमे से निपटना एक चुनौती होगी।लोकायुक्त का दायरा और दिल्ली के लिए नया एक्‍ट या उसमें संशोधन की जरूरत है। जस्टिस हरीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि मामलों की सुनवाई में बेवजह स्थगन नहीं देना है। जिससे मामले लंबित न रहें। अन्य राज्यों की तरह दिल्ली लोकायुक्त को भी और अधिकार दिए जाने से करप्शन पर लगाम लाई जा सकेगी।

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Office of Lokayukat

Delhi Lokayukt: दो वर्ष से रिक्‍त था पद

दिसंबर, 2020 में न्यायमूर्ति सुश्री रीवा खेत्रपाल के सेवानिवृत्त होने के बाद से यह पद रिक्त था। आधिकारिक गजट (दिनांक 15 मार्च) में जारी एक अधिसूचना के अनुसार, उपराज्यपाल अनिल बैजल ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मिश्रा को लोकायुक्त नियुक्त किया।ध्‍यान योग्‍य है कि दिल्‍ली लोकायुक्त और उपलोकायुक्त अधिनियम, 1995 के अनुसार, लोकायुक्त की नियुक्ति हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, मुख्यमंत्री और दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता के बीच परामर्श के बाद की जाती है।

Delhi Lokayukt: जानें कौन हैं ? जस्टिस एचसी.मिश्रा

जस्टिस एचसी. मिश्रा का जन्म 27 मार्च, 1959 को हुआ। उनके पिता न्यायमूर्ति विश्वनाथ मिश्रा थे, जो वर्ष 1981 में पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने वर्ष 1974 में पटना हाई स्कूल, बी.कॉम. सहकारी महाविद्यालय जमशेदपुर से किया। वर्ष 1984 में पटना लॉ कॉलेज से एलएलबी करने के बाद उन्होंने पटना हाई कोर्ट में अधिवक्ता के रूप में काम किया।

jharkhand high court
Jharkhand High Court

उन्होंने ज्यादातर रिट पक्ष (विशेषकर सेवा मामलों) में अभ्यास किया और कई महत्वपूर्ण मामलों में पेश हुए। उन्होंने दीवानी और फौजदारी मामलों में भी प्रैक्टिस की। उन्हें 27 अप्रैल, 2011 को झारखंड हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। 31 जनवरी, 2013 को झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। 30 अगस्त, 2019 से झारखंड हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।

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