देशभर में डॉक्टरों की लापरवाही के चलते आए दिन मरीज अपनी जान गंवा रहे है। हाल ही में नामी अस्पताल फोर्टिस और मैक्स में डॉक्टरों द्वारा किए जा रहे इलाज में लापरवाही की कमी की कीमत दो बच्चों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी थी। अब ऐसा ही एक मामला मुंबई के सरकारी नायर अस्पताल से सामने आया है। जहां अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण 32 साल के युवक की मौत Magnetic Resonance Imaging (MRI) मशीन में फंसने से हो गयी।वहीं अस्पताल ने अपनी तरफ से कार्रवाई करते हुए एक डॉक्टर सहित अपने तीन कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है।

आपको बता दें कि ये कार्रवाई घटना के दूसरे दिन राजेश के परिवार वाले और बीजेपी विधायक एमपी लोढ़ा के एक साथ धरने पर बैठने के बाद हुई है। राजेश के परिवार वाले लगातार धरने पर बैठकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और मुआवजे की मांग कर रहे थे।

इस घटना के बाद  मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पीड़ित के परिवार वालों को 5 लाख का मुआवजा देने का ऐलान किया है।

दरअसल,राजेश मारू 27 जनवरी को अपने एक रिश्तेदार की एमआरआई के लिए हॉ़स्पिटल गये हुए थे। राजेश को एमआरआर्इ रूम में एक मेटल के ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ जाने दिया। राजेश के परिजनों का आरोप है कि एमआरआई मशीन में मेटल की चीजें प्रतिबंधित हैं, लेकिन मशीन के मैग्नेटिक फोर्स की वजह से वे मशीन के अंदर खिंचता चला गया।

एक रिश्तेदार नाराभाई जीतिया ने बताया कि हमारे लिए यकीन करना बहुत मुश्किल था कि अस्पताल की लापरवाही की वजह से राजेश की मौत हो चुकी है। वहां पर ऐसा कोई नहीं था, जो यह बता सके कि राजेश को ऑक्सीजन सिलेंडर एमआरआई रूम में नहीं ले जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह डॉक्टर्स और टेक्नीशियन की ड्यूटी होनी चाहिए कि अस्पताल में कैसी सावधानी बरतनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि जब मारू को कमरे में बुलाया गया, तब एमआरआर्इ मशीन चालू थी। जैसे ही उसने कमरे में एंट्री की, मशीन ने तेजी से उसे खींच लिया। दो मिनट में उसकी मौत हो गयी। तब से अभी तक अस्पताल प्रशासन के किसी भी सदस्य ने अपनी गलती नहीं मानी है और न ही हमसे संपर्क किया है।

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