कुमार विश्वास और अरविंद केजरीवाल में लगातार दूरियां बढ़ती जा रही है। हाल ये है कि आए दिन कुमार विश्वास किसी ने किसी मंच पर पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठा रहे थे। इसी के मद्देनजर पार्टी भी राज्यसभा सदस्य के लिए कुमार विश्वास के नाम पर विचार नहीं कर रही थी। ऐसे में विश्वास के समर्थकों ने आप पार्टी का घेराव कर के अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नारेबाजी की। हालांकि विश्वास के अपील के बाद उन्होंने आंदोलन वापस ले लिया।

राज्यसभा में दिल्ली की ओर से राज्यसभा के लिए तीन सांसद चुने जाने हैं। इसको लेकर आम आदमी पार्टी में घमासान जारी है।  पार्टी के संस्‍थापकों में से एक कुमार विश्‍वास के समर्थक उन्‍हें राज्‍यसभा भेजने की मांग कर रहे हैं लेकिन पार्टी की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। इस बाबत कुमार विश्वास ने भी ट्विटर के जरिए अपने समर्थकों को कहा है कि उनके लिए राज्यसभा सीट मायने नहीं रखती है, पहले देश फिर पार्टी। बता दें कि पार्टी की ओर से राज्यसभा सीट के लिए कई लोगों को न्यौता दिया जा चुका है लेकिन अभी तक किसी ने भी इसके लिए हामी नहीं भरी है। पार्टी की ओर से पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी जैसे बड़े दिग्गजों को राज्यसभा सीट की पेशकश की जा चुकी है लेकिन इन तीनों के तरफ से कोई भी सकारात्मक पहल नहीं हुई है। वहीं पार्टी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज टीएस ठाकुर, इंफोसिस प्रमुख नारायण मूर्ति, नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी और बिजनेज़मैन सुनील मुंजल को भी न्यौता भेजा गया है।

कुछ दिन पहले कुमार विश्वास ने एक मंच पर नाम लिए बिना पार्टी नेतृत्व पर कटाक्ष करते हुए अहंकार से बाहर निकलने की सीख दी तो दूसरी ओर खुद के पार्टी छोड़ जाने के कयासों पर भी खुलकर बोले। खुद को अभिमन्यु बताते हुए कुमार विश्वास ने कहा था, ‘षड्यंत्रकारी कहते हैं कि हम दूसरी पार्टी में चले जाएं या वहां चले तो नहीं जाएंगे, लेकिन मैं कहता हूं कि वहां तो अंधेरा है तो कैसे स्वराज का दीपक जलेगा। यदि यह आंदोलन असफल हुआ तो माताएं 40 साल तक बेटों को आंदोलन में भेजना बंद कर देंगी, आंदोलन से लोगों का भरोसा ही उठ जाएगा।’ ‘ ऐसे में देखना ये है कि क्या पार्टी विश्वास पर विश्वास जताएगी या कोई बाहरी ही राज्यसभा की सीट के लिए दावेदारी पेश करेगा।

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