कर्नाटक में टीपू जयंती के ऊपर घमासान मचा हुआ है। इसके लिए राजधानी सहित पूरे राज्य में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। वहीं इसका विरोध भी शुरू हो गया है। टीपू जयंती सेलिब्रेशन के दौरान मदिकेरी में कर्नाटक स्टेट रोड ट्रांसपॉर्ट की बस पर पत्थर फेंके गए हैं।

बता दें कि कर्नाटक में आज 18वीं सदी में मैसूर के शासक रहे टीपू सुल्तान का जयंती समारोह मनाया जा रहा है। इसके लिए राजधानी सहित पूरे राज्य में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।  गौरतलब है कि टीपू सुल्तान की जयंती मनाए जाने का यूं तो बीजेपी सहित कुछ हिंदूवादी संगठन हर साल विरोध करते हैं, लेकिन इस बार केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े द्वारा टीपू को खुलकर ‘हिंदू विरोधी’ करार दिए जाने बाद इसे लेकर सोशल मीडिया पर काफी बहस चल रही है।

राज्य के हुबली और कोडागू में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने टीपू जयंती का विरोध-प्रदर्शन किया। पुलिस द्वारा करीब 100 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिए जाने की भी खबर है। वहीं टीपू सुल्तान यूनाइटेड फ्रंट ने टीपू जयंती के समर्थन में प्रोग्राम आयोजित किया। पुलिस की मानें तो सरकारी आयोजनों के अलावा अन्य किसी भी तरह के कार्यक्रम के आयोजन पर शुक्रवार के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है।

इसके मद्देनजर मांड्या जिले के श्रीरंगापत्ना में भी सिक्यॉरिटी बढ़ा दी गई है, यहां पर टीपू की सल्तनत थी और यहीं पर उनकी कब्र भी है। कोडागू (कुर्ग) जिले में प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया है और यहां पर धारा 144 लागू है। रैपिड ऐक्शन फोर्स की 3 कंपनियों के साथ ही 450 होम गार्ड्स भी तैनात किए गए हैं। वहीं मेंगलुरु, मैसूर, कोडागू और हुबली-धारवाड़ में भी रैपिड ऐक्शन फोर्स की 3-3 कंपनियां तैनात की गई हैं।

पिछले दिनों केन्द्रीय राज्यमंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने कर्नाटक सरकार के टीपू जयंती मनाने के फ़ैसले की कड़ी निंदा करते हुए टीपू को बलात्कारी और हत्यारा बताया था। कर्नाटक में इससे पहले भी टीपू सुल्तान की जयंती मनाने को लेकर विवाद हो चुका है। भाजपा नेता हेगड़े टीपू को हिंदुओं का दुश्मन बता रहे हैं।

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