कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, गुजरात के पूर्व विधायक और पार्टी के बिहार प्रभारी तथा राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल ने गैर गुजरातियों के खिलाफ हिंसा भड़काने में उनकी भूमिका होने का आरोप लगाने के लिए  मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के खिलाफ मानहानि का दावा और आपराधिक मामला दर्ज करने की हाल में दी गयी चेतावनी के बाद उन्हें इस सिलसिले में कानूनी नोटिस भी भेजा है। गोहिल ने 16 अक्टूबर को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में पहली बार रूपाणी को चेतावनी दी थी। आज जारी उनकी विज्ञप्ति के अनुसार उन्होंने 18 अक्टूबर की तिथि से उन्हें कानूनी नोटिस दी है।

उन्होंने कहा कि अगर विजय रूपाणी ने दो सप्ताह में उनसे माफी नहीं मांगी तो वह मानहानि का दावा और आपराधिक मामला दर्ज करायेंगे।

गोहिल ने कहा कि भाजपा ने जानबूझ कर और चार राज्यों में विधानसभा चुनावों में अपनी आसन्न हार को देखते हुए जानबूझ कर गैर गुजरातियों के खिलाफ हमले का षडयंत्र रचा है। उनके पास इसके सबूत भी हैं। उन्होंने भाजपा के एक विधायक और कुछ अन्य नेताओं के गैर गुजराती विरोधी बयानों का हवाला देते हुए कहा कि जब हिंसक घटनाएं हुई थीं तो वह बिहार के दौरे पर थे। उन्होंने कहा था कि गुजरात गांधी जी की जन्म भूमि है और बिहार उनकी कर्मभूमि। दोनो राज्यों के लोगों के बीच वैमनस्य फैलाना दुर्भाग्यपूर्ण और भाजपा का वोट बैंक के लिए किया गया एक षडयंत्र हैं। विजय रूपाणी का बयान उनके नाम के साथ कुछ गुजराती और अंग्रेजी समाचार पत्रों में छपा है।

विजय रूपाणी ने बिहार के प्रभारी शब्द का इस्तेमाल किया था और वही इस पद पर हैं।

रात के 12 बजे भी घूमता हूं अकेले, सिर कलम करने का सपना देखने वाले आ जायें : अल्पेश ठाकोर

गैर गुजरातियों पर हमले को उकसाने के आरोप झेल रहे कांग्रेस विधायक और पार्टी के बिहार मामलों के सह प्रभारी तथा क्षत्रिय ठाकोर सेना के अध्यक्ष अल्पेश ठाकोर ने उनका सिर काट कर लाने वाले को एक करोड़ का ईनाम लाने के उत्तर प्रदेश के एक गुमनाम से संगठन की घोषणा के बाद इस मामले में अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए चुनौती भरे लहजे में कहा है कि वह रात को 12 बजे भी अकेले घूमते हैं और जिसे उन्हें मारना हो वह आ जाये। अल्पेश ठाकोर ने कल रात उत्तर गुजरात के बनासकांठा जिले के डीसा के माणेकपुर गांव में एक गरबा कार्यक्रम के दौरान अपने संक्षिप्त संबोधन में कहा कि वह रात को 12 बजे भी अकेले घूमते हैं और उनको मारने का सपना देखने वाले आ जायें।

ज्ञातव्य है कि गत 28 सितंबर को उत्तर गुजरात के ढुंढर गांव में 14 माह की एक बच्ची से दुष्कर्म के आरोप में एक बिहारी मजदूर की गिरफ्तारी के बाद गैर गुजरातियों विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के खिलाफ हमले और धमकाने की घटनाएं हुई थी। इसके बाद बड़ी संख्या में ऐसे लोग यहां से पलायन कर गये थे। उसी दौरान उत्तर प्रदेश के बहराईच में महारानी पद्मावती यूथ ब्रिगेड नाम के संगठन ने अल्पेश को गरीब परप्रांतीय मजदूरों पर हमलों के दोषी ठहराते हुए उनकी तस्वीर के साथ पोस्टर लगाये थे। इनमें उनका सिर कलम कर लाने वाले को एक करोड़ रूपये का ईनाम देने की घोषणा की गयी थी।

अध्यक्ष भवानी ठाकुर ने कहा था कि राक्षसी प्रवृत्ति वाले ठाकोर ने गरीब मजदूरों से मारपीट कर कायरतापूर्ण और देश को तोड़ने वाला काम किया है। उसका सभी को विरोध करना चाहिए। अगर वह गुजरात से बाहर नहीं आते हैं तो लोगों को गुजरात में जाकर उनका सिर कलम करना चाहिए।  समझा जाता है कि बिहार में विरोध की आशंका के कारण ही कांग्रेस ने राज्य के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह की जयंती के मौके पर 21 अक्टूबर को पटना में आयोजित अपने कार्यक्रम में अल्पेश को कथित तौर पर आमंत्रण नहीं दिया है।

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