उत्तरप्रदेश चुनावों में आचार संहिता की जम कर धज्जियां उड़ाई गई। कई जगह नेताओं पर प्राथमिकी दर्ज करने के साथ नोटिस देकर जवाब भी माँगा गया लेकिन इसके बावजूद इसमें कहीं से भी कोई कमी नहीं दिखी। इसी क्रम में एक ऐसे ही मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को नोटिस जारी कर निर्वाचन आयोग ने जवाब माँगा है। अखिलेश को यह नोटिस बीजेपी द्वारा की गई शिकायत के आधार पर जारी किया गया है।

अखिलेश ने भदोही में अपनी चुनावी सभा के दौरान मतदाताओं से पैसे लेने की बात कही थी। उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि मतदाताओं को पैसा दिया जा रहा है। मेरी सलाह मानो पैसे रख लीजिए और साइकिल पर वोट डालिए। अखिलेश के इस बयान को बीजेपी ने पैसे देकर वोट लेने की कोशिश बताया था और आयोग के सामने अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी। आयोग ने इसपर संज्ञान लेते हुए अखिलेश को नोटिस जारी कर आज जवाब दाखिल करने को कहा है। आयोग ने उन्हें बताया कि मतदाताओं को रिश्वत देना और रिश्वत लेने के लिए उकसाना दंडनीय अपराध है। ऐसे में आप पर कारवाई क्यों ना की जाए?

इससे पहले भी ऐसे ही एक मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को आयोग ने नोटिस जारी किया था। गौरतलब है कि पांच राज्यों में चल रहे चुनावों में बड़े पैमाने पर आचार संहिता उल्लंघन करने के मामले सामने आये हैं। इनमे जाति और धर्म के आधार पर वोट मांगने से लेकर मतदाताओं को लोभ देने जैसे मामले भी शामिल हैं।

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