तमिलनाडु की अम्मा और पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के मौत की खबर में एक नई रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट ने मीडिया में काफी समय से इलाज को लेकर फैलाई जा रही अटकलों को आधारहीन साबित कर दिया है। एम्स के डॉक्टरों की रिपोर्ट के मुताबिक जयललिता अपनी मौत के एक दिन पहले पूरी तरह से स्वस्थ थीं, डॉक्टरों का कहना है कि एक दिन पहले जयललिता को मानसिक और शारीरिक तौर पर कोई परेशानी नहीं थीं, उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी। डाक्टरों के मुताबिक हार्ट अटैक की वजह से उनकी हालत खराब हो गई और जिसके बाद तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।

एम्स की रिपोर्ट में लिखा है कि जयललिता की मांशपेशियां काफी कमजोर हो गई थीं इसलिए डॉक्टरों ने उन्हें फिजियोथेरेपी कराने की सलाह दी थी लेकिन उन्हें पॉलीन्यूरोपैथी की शिकायत पहले से थी जिसकी वजह से उन्हें ठीक होने में काफी वक्त लग सकता है। डॉक्टरों की टीम उस वक्त जयललिता के आगे की इलाज के बारे में विचार ही कर रही थी लेकिन तभी उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वह चल बसीं।

वहीं अपोलो हॉस्पिटल की रिपोर्ट में डॉक्टर जीसी खिलनानी और तीन अन्य डॉक्टरों ने कहा था कि अपनी मौत से एक दिन पहले जयललिता पूरी तरह से होश में थीं, डॉक्टरों के मुताबिक अम्मा करीब 20 मिनट तक कुर्सी पर बैठी थीं, वह बातें कर रही थीं, सभी को पहचान रही थीं, लेकिन कमजोरी होने की वजह से खड़ी नहीं हो पा रही थी। उन्हें कोई कष्ट नहीं था और उनकी मौत हार्ट अटैक से ही हुई थी।

गौरतलब है जयललिता की मौत 5 दिसंबर 2016 को दिल का दौरा पड़ने से हुई थी। जयललिता की मौत के बाद उनके इलाज में गड़बड़ी का शक जाहिर किया गया था जिसके बाद तमिलनाडु सरकार द्वारा एम्स से मेडिकल रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया था। एम्स की टीम ने अम्मा के निधन के 91 दिन बाद सोमवार के दिन तमिलनाडु सरकार को उनकी मौत की रिपोर्ट पेश की और सरकार ने इस रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया

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