उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 4 जून को इलाहाबाद के दौरे पर थे। इलाहाबाद दौरे के दौरान सीएम ने स्वरुपरानी नेहरू अस्पताल का निरीक्षण किया। सीएम साहब को कहीं कुछ गड़बड़ न लगे इसके लिए प्रशासन ने पूरे इंतजाम किए थे। जिला प्रशासन ने अस्पताल में वार्डों में टेंट हाऊस से कूलर मंगवाकर लगा दिये गये। इसके बाद शनिवार रात से रविवार पूरे दिन तक मरीजों को गर्मी से राहत मिली। लेकिन मुख्यमंत्री के जाते ही सभी कूलर वहां से हटा दिए गए।
जिला प्रशासन ने अपनी इस करतूत से अदम गोंडवी की उन लाइनों को सच कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था तुम्हारी फाईलों में गांव का मौसम गुलाबी है। मगर ये आंकड़े झूठे हैं, ये दावा किताबी है। दरअसल सीएम योगी दो दिवसीय दौरे पर इलाहाबाद पहुंचे थे। यहां पहले दिन उन्हे संगम जाना था और दूसरे दिन औचक निरीक्षण करना था। निरीक्षण के लिये जिस अस्पताल को चुना वह आए दिन अपनी बदहाली के लिये चर्चाओं मे रहता है।
जिला प्रशासन ने इसे जिस खूबसूरती से मैनेज किया उसे शायद सीएम भी न भांप सकें हों। अपने झूठ को छिपाने के लिये जिला प्रशासन ने तानाशाही तरीका अपनाते हुए एसआरएन में मीडिया को ही बैन कर दिया। लेकिन जिस तरह अपराधी अपराध करने के बाद सुबूत छोड़ देता है वैसे ही जिला प्रशासन ने भी इस करतूत के सुराग छोड़ दिये।
जिन मरीजो को कभी पंखा तक नही नसीब होता आज उनके लिए जिला प्रशासन किराये का कूलर लगा दिया। टेंट हाऊस से मंगाये कूलरों पर जिला प्रशासन द्वारा कागज चिपका दिया गया। सीएम को मालूम न हो सके इसके लिये टेंट हाऊस के नाम को सफेद कागज से ढककर उस पर जूनियर डाक्टर एसोसियेशन की तख्ती लगा दी। प्रशासन की इस हरकत से अंदाजा लगाइये कि निरीक्षण के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने से आम लोगों को क्या फायदा हुआ और क्या नुकसान?