दिल्ली के बाद अब एक और केंद्रशासित राज्य पुडुचेरी मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल के अखाड़े का मैदान बनने जा रहा है। पुडुचेरी की राज्यपाल किरण बेदी और मुख्यमंत्री वी.नारायण सामी के बीच लम्बे समय से चल रहा शीत युद्ध अब मुखर होता जा रहा है। ताजा घटनाक्रम में किरण बेदी ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि सीएम ‘रबड़ स्टैंप एलजी’  चाहते हैं, वहीं राज्य सरकार भी बेदी को हटाने के लिए विधानसभा में एक प्रस्ताव लाने की तैयारी करने जा रही है।

इस शीत युद्ध की शुरुआत इस साल के शुरुआत के साथ ही शुरु हो गई थी, जब जनवरी के महीने में कांग्रेस और डीएमके के विधायकों ने बेदी को तानाशाह बताते हुए केंद्र से उन्हें वापस बुलाने की मांग की थी। वहीं पिछले महीने बेदी ने भी केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात करके उन्हें अपने सामने आ रही दिक्कतों से अवगत कराया था।

पिछले दिनों बेदी ने राजनिवास के लिए एक वेबसाइट लांच की और कहा था कि यह वेबसाइट लोगों और विभिन्न विभागों के बीच एक सेतु बनेगी। वहीं अपने कार्यकाल का एक साल पूरा हो जाने पर बेदी ने मोदी सरकार के तर्ज पर  साल भर के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया था। इस रिपोर्ट कार्ड में बेदी ने 386 टाउन हॉल मीटिंग,आम लोगों के 2595 फोन काल्स और आम लोगों से 8386 मुलाकातों का जिक्र किया और कहा कि लोगों की समस्याओं को सुनकर उनका  निराकरण सम्बंधित अधिकारी से  कराया गया। बेदी ने इस अवसर पर कहा, ‘राजनिवास को अब जनता के कार्यालय के रूप में देखा जाने लगा है। इसमें समाज के हर वर्ग की पहुंच आसान हुई है और राजनिवास सचिवालय ने भी हर जरूरतमंद की समस्या के निराकरण को अपनी प्राथमिक जिम्मेदारी के रूप में स्वीकार किया है।’

इसके बाद सीएम नारायण सामी ने बेदी पर सामानांतर सरकार चलाने का आरोप लगते हुए कहा कि “सीएम,मंत्री और विधायकों को विशेषाधिकार मिले होतें है और एलजी को हमारे कार्य में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। वह अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर कार्य करती हैं और सरकार की गुप्त जानकारियां भी ट्विटर पर शेयर करती हैं।”

उन्होंने बेदी पर पुलिसवालों के साथ गलत व्यवहार का आरोप लगाते हुए कहा कि उपराज्यपाल जवानों के साथ नौकरों जैसा बर्ताव करती हैं। इसके अलावा सीएम ने मेडिकल कॉलेजों में चल रहे प्रवेश को लेकर किरण बेदी की सक्रियता की भी आलोचना की। नारायणसामी ने यहां तक कह डाला कि किरण बेदी उपराज्यपाल पद के योग्य नहीं है। वो राज्य सरकार के विकास कार्यों में भी बाधा डाल रही हैं। सीएम ने कहा कि हमारी सरकार विधानसभा में प्रस्ताव लाकर उपराज्यपाल बदलने का कदम उठाएगी। वह इस सम्बन्ध में केंद्र से भी शिकायत दर्ज कराएगी और एलजी को हटाने की मांग करेगी।

हालांकि, बेदी ने सामानांतर सरकार शुरू करने की दलील से असहमति जताई। उन्होंने कहा कि यह पहल जनता की सहूलियत बढ़ाने की दिशा में सकारात्मक कदम है। इसे समानांतर सरकार इसलिए नहीं कहा जा सकता है क्योंकि इसमें सरकार और राजनिवास के क्षेत्राधिकार की लक्ष्मण रेखा का ध्यान रखा गया है।

अब देखना होगा कि सीएम नारायणसामी किरण बेदी के खिलाफ इस जंग को जीत पाते हैं या नहीं।

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