सीएम योगी आदित्यनाथ ने किसानों के साथ हो रहे नाइंसाफी को लेकर एक सख्त ऐलान किया है।  प्रशासनिक अधिकारियों को चेतावनी देते हुए योगी ने कहा कि, ‘10 हजार से ज्यादा कर्ज माफ होने वाले किसानों को ही प्रमाणपत्रत सौंपा जाए।’ इससे स्पष्ट होता है कि हाल ही में हुए किसानों के साथ जो भद्दा मजाक किया गया वो प्रशासनिक लापरवाही की वजह से हुई है।  बता दें हाल ही में यूपी के कई जिलों में किसानों को ऋणमोचन  योजना के तहत 10.36 रुपये और 20 रुपये तक का कर्जमाफी का प्रमाणपत्र सौंपा गया था।

इस योजना के दूसरे चरण का कार्य 26 सितंबर से शुरु हो रहा है। इस दौरान किसानों के साथ कोई प्रशासनिक गड़बड़ी ना हो। इसके लिए उन्होंने  प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री की तरफ से जिला अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि आगे से 10 हजार से कम के कर्ज माफी का न तो सर्टिफिकेट जारी हो ना ही किसानों को इस कार्यक्रम में बुलाया जाए। साथ ही 10 हजार से कम राशि के कर्ज को माफ किया जाना जरूरी है लेकिन उसका सर्टिफेटक जारी ना किया जाए।

कृषि विभाग ने सभी जिलों के डीएम को चिट्ठी भेजी है। इस दौरान नए निर्देशों के तहत किसानों को सर्टिफ़िकेट दिए जाएंगे। जिनके कर्ज माफ हुए हैं, उन सभी किसानों की लिस्ट सूचना विभाग के वेबसाइट पर होगी।

दरअसल, जब यूपी में योगी सरकार सत्ता में आई तो उन्होंने प्रदेश में फसल ऋणमोचन योजना के तहत लघु और सीमांत किसानों को एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने का ऐलान किया था। जिसे लेकर किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई। इसके लिए सरकार ने करीब 36000 करोड़ रुपए के बजट का भी प्रावधान किया है।

बता दें, हाल ही में फसल ऋणमोचन योजना के पहले चरण के अंतर्गत यूपी के कई जिलों में किसानों को कर्जमाफी का प्रमाणपत्र सौंपा गया। जिसके दौरान किसानों के साथ नाइंसाफी की खबरें सामने आयी थी। यूपी के हमीरपुर जिले में जब किसानों को कर्जमाफी का प्रमाणपत्र बांटे तो कर्जमाफी की रकम देख सब दंग रह गए। हमीरपुर की शांति देवी जिन्होंने फसल बोने के नाम पर बैंक से 1 लाख 55 हजार रुपए तक का कर्ज लिया था, उनको जो प्रमाणपत्र मिला उसमें महज 10.36 रुपए ही कर्जमाफ था।

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