बुलंदशहर हिंसा व लखनऊ में बीजेपी नेता प्रत्यूष मणि त्रिपाठी की हत्या को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी जताई है।

सीएम योगी ने बुलंदशहर की घटना में मारे गए सुमित व लखनऊ में भाजपा नेता प्रत्यूष मणि के परिजनों को दस-दस लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री के रुख के मद्देनज़र माना जा रहा है कि इंटेलीजेंस के एडीजी की रिपोर्ट आने के बाद बुलंदशहर के एसपी को हटाया जा सकता है।

घटना की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि इस घटना की गंभीरता से जांच कर गौकशी में शामिल सभी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि बुलंदशहर की घटना एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है।

ऐसे में गौकशी से संबंध रखने वाले प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष सभी को समयबद्ध रूप से गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने कहा कि 19 मार्च 2017 से अवैध स्लॉटर हाउस को बंद कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि जिलाधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि ज़िले स्तर पर ऐसे अवैध कार्य न हो यह उनकी सामूहिक ज़िम्मेदारी होगी। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक को इस आदेश का ज़िले स्तर पर कड़ाई से अनुपालन कराने को कहा है।

योगी ने निर्देश दिए कि एक अभियान चलाकर प्रदेश का माहौल खराब करने वाले तत्वों को बेनकाब किया जाए और इस प्रकार की साजिश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

मुख्यमंत्री ने लखनऊ में हुई भाजपा नेता प्रत्यूष मणि की हत्या को लेकर भी अफसरों से जवाब-तलब किया।

अफसरों ने बताया कि इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और शेष लोगों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। योगी ने सभी आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी करके कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय, अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार, डीजीपी ओम प्रकाश सिंह, एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार और डीजी इंटेलीजेंस भवेश कुमार शामिल थे।

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