दक्षिण चीन सागर और हिन्द महासागर को लेकर चीन बहुत ज्यादा सतर्क रहता है। यह पूरी दुनिया जानती है कि चीन किस तरह भौगोलिक स्तर पर अपनी पैठ बनाने के लिए क्या कुछ नहीं करता। ऐसा ही कुछ उसने अपनी तकनीकी स्तर को बढ़ा कर किया। चीन ने अपनी रक्षा क्षेत्र को और मजबूत बनाते हुए सबसे विध्वंसकारी युद्धपोत टाइप 055 को लांच किया। इस शक्तिशाली युद्धपोत का वजन 10 हजार टन है। इस युद्धपोत का निर्माण चीन के ही शंघाई के जियांगन शिपयार्ड में किया गया।

चीन का यह युद्धपोत आधुनिक हथियारों से लैस रहेगा। इस युध्दपोत में तकरीबन 120 मिसाइलें तैनात की जा सकेंगी जिस कारण से यह दुनिया का सबसे ज्यादा हथियारों से लैस युद्धपोत बन जाता है। इस युद्धपोत में एरे रडार लगा हुआ है जो इसे धरती,समुद्र और हवा में फोकस करने में मदद करेंगे। चीन लगातार अपने को मजबूत बनाने के जुगत में लगा है। उसके पास एक विशालकाय मजबूत नौसेना तो है ही, साथ में ये यद्धपोत उसके शक्ति को कई गुना बढ़ा देंगा।

बता दें कि भारत युद्धपोतो के मामलों में चीन से काफी पीछे है। 2015 में लांच हुआ भारत का सबसे शक्तिशाली युद्धपोत आईएनएस कोच्चि को सबके सामने लाया गया था। किंतु इसका वजन मात्र 7500 टन है और ये मात्र ज्यादा से ज्यादा 50 मिसाइलों से लैस हो सकती है।  इसकी खासियत बस यही थी कि इसमें इजरायल का MF-STAR रडार  लगा हुआ है जो टॉरगेट को कई सौ किलोमीटर की दूरी से ट्रैक कर लेता है। किंतु चीन के टाइप-055 के सामने यह कुछ नहीं है। यहां तक की भारत की आधुनिक युद्धपोत विशाखापट्टनम जो इस समय निर्माणाधीन है से कहीं ज्यादा शक्तिशाली है। कुल मिलाकर रक्षा क्षेत्र में चीन हमसे कहीं आगे निकलता जा रहा है। ऐसे में दक्षिण चीन सागर और हिन्द महासागर में बढ़ती उसकी पैठ पर नियत्रंण करना भारत के लिए काफी मुश्किल होगा।

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