भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के बयान से अब चीन चिढ़ गया है। दरअसल भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के सलामी स्लाइसिंग वाले बयान पर चीन नाराज हो गया है। चीनी सरकार के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि अभी हमें यह पता नहीं है कि यह बयान उनका अपना निजी बयान है या फिर भारत सरकार की इसमें सहमति है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस पर ऐतराज जताते हुए पूछा कि क्या यह भारत सरकार की राय है? क्या सेना प्रमुख ऐसे बयान के लिए अधिकृत हैं?

बता दें कि बुधवार को दिल्ली में सेंटर फॉर लैंड वॉरफेयर स्टडीज द्वारा आयोजित एक सेमिनार में जनरल रावत ने कहा था, ‘भारत को पाकिस्तान और चीन से एक साथ दो मोर्चों पर जंग के लिए तैयार रहना चाहिए। डोकलाम विवाद के दौरान चीन ने आस्तीनें चढ़ानी शुरू कर दी थीं, वहीं पाकिस्तान का राजनीतिक व सैन्य नेतृत्व भारत को अपना दुश्मन मानकर चलता है। यह मानना एक मिथक ही है कि परमाणु हथियारों से लैस पड़ोसियों में जंग नहीं होगी।

इसके अलावा उत्तर की स्थिति पर बोलते हुए उन्होंने कहा था कि चीन ने अपनी ताकत दिखाना शुरू किया है। ‘सलामी स्लाइसिंग’, यानी धीरे-धीरे भूभाग पर कब्जा करना, और दूसरे की सहने की क्षमता को परखना, चिंता का विषय है। हमें इस प्रकार की धीरे-धीरे उभरती स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए। सेना प्रमुख ने चीन के संबंध में यह बात कही थी।

अब इसी बात से चीन नाराज हो गया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने गुरुवार को बीजिंग में कहा है कि, ‘जनरल रावत का बयान पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा हाल में शियामिन में जाहिर विचारों के ठीक विपरीत है। डोकलाम में दोनों सेनाओं के पीछे हटने के बाद भारत से इस तरह का बयान आना चौंकाने वाला है। यदि उनका बयान भारत सरकार की ओर से है तो ये चिंताजनक है।’

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