उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयाग कुम्भ-2019 तथा इसके तहत की जा रही व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि पहली बार यह सम्भव हुआ है कि जल, थल एवं नभ के माध्यम से तीर्थ यात्री तथा श्रद्धालु कुम्भ में पहुंचेंगे। पहली बार वे अक्षयवट और सरस्वती कूप के दर्शन कर सकेंगे। स्वच्छ कुम्भ और स्वच्छ गंगा जी होंगी। कुम्भ का विस्तार तथा प्रयागराज एक सुदृढ़ एवं स्मार्ट शहर के रूप में दिखायी देगा। प्रकाश की सारी व्यवस्था एलईडी  द्वारा की जाएगी। एक न्यू इण्डिया व न्यू कुम्भ का दर्शन सभी को प्राप्त होगा। सरकार का पूरा प्रयास है कि कुम्भ का आयोजन दर्शनीय, अद्भुत, दिव्य और भव्य बने। देश के गौरवशाली अतीत के साथ-साथ सुनहरे भविष्य की झलक दुनिया को दिखायी दे।

मुख्यमंत्री बुधवार शाम यहां लोक भवन में प्रयाग कुम्भ-2019 के प्रचार-प्रसार के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कुम्भ की आधारभूत संरचना एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर पर बेहतरीन कार्य किया गया है। पैण्टून पुल, चेकर्ड प्लेट्स, रेलवे ओवरब्रिज, फ्लाईओवर्स, रेलवे स्टेशन का सुदृढ़ीकरण, नए टर्मिनल का निर्माण कराया गया है। रायबरेली-प्रयागराज, प्रयागराज-प्रतापगढ़, वाराणसी-प्रयागराज हाईवे का पुनर्निर्माण किया गया है। सुदृढ़ सड़कें, आवासीय व्यवस्था, चिकित्सा व्यवस्था, विद्युत, पेयजल व्यवस्था, सार्वजनिक वितरण प्रणाली आदि श्रद्धालुओं व तीर्थ यात्रियों को उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि यह कुम्भ हमारी सनातन परम्परा और संस्कृति के साथ-साथ आधुनिकता व तकनीक का बेजोड़ संगम होगा। उन्होंने कहा कि संगम, अक्षयवट, प्रयागराज में लेज़र शो एवं हेरिटेज वॉक की व्यवस्था की गई है। पहली बार कुम्भ क्षेत्र में इण्टीग्रेटेड कण्ट्रोल कमाण्ड एण्ड सेण्टर स्थापित किया गया है, जिससे किसी भी घटना पर सीधी नजर रखी जा सकेगी। साथ ही, आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षा एवं सुविधा उपलब्ध होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार कुम्भ में टेण्ट सिटी, पेण्ट माई सिटी, अक्षयवट दर्शन, संस्कृति ग्राम आदि जैसी नई पहल की गई है। लेज़र शो और डिजिटल साइनेज की व्यवस्थाएं हैं। कुम्भ क्षेत्र का विस्तार 3200 हेक्टेयर तक में किया गया है। उन्होंने प्रयागराज कुम्भ के सम्बन्ध में विभिन्न माध्यमों द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार किए जाने की आवश्यकता जताते हुए कहा कि रेडियो, इलेक्ट्राॅनिक तथा प्रिण्ट मीडिया, सिनेमा घर, सोशल मीडिया के तहत कुम्भ के प्रत्येक पहलू को उजागर करते हुए प्रचार-प्रसार किया जाए। साथ ही, केन्द्र व राज्य सरकार की लाभार्थीपरक व जनकल्याणकारी योजनाओं एवं उपलब्धियों का भी प्रचार-प्रसार हो, जिससे जनता लाभान्वित हो सके।

उन्होंने कहा कि यह भी पहली बार हुआ है कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी ने कुम्भ के सकुशल और निर्विघ्न रूप से सम्पन्न होने के लिए गंगा पूजन एवं आरती कर माँ गंगा का आशीर्वाद मांगा है। पूर्व राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद के बाद प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने पहली बार अक्षयवट एवं सरस्वती कूप का दर्शन किया है। योगी ने प्रधानमंत्री  के प्रयासों से यूनेस्को द्वारा कुम्भ को ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत’ की विश्व धरोहर के रूप में मान्यता मिली है। यह भी पहली बार हुआ है कि 70 देशों के राजदूतों ने कुम्भ आयोजन की तैयारियों को देखा तथा दुनिया के सबसे बड़े संगम का दर्शन किया। कुम्भ से पूरी दुनिया में मानवता का सन्देश जाता है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सूचना एवं पर्यटन  अवनीश कुमार अवस्थी ने मुख्यमंत्री  को कुम्भ क्षेत्र, प्रयागराज में कराए जा रहे कार्यों के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में 99 स्थानों पर डिजिटल साइनेज की व्यवस्था की गई है। मीडिया सेण्टर, प्रदर्शनी मण्डप, सांस्कृतिक पण्डाल, अन्तर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं स्थानीय मीडिया कॉलोनी, मीडिया कवरेज प्लेटफॉर्म की व्यवस्था की गई है।

उन्होंने कहा कि डिजिटल साइनेज के तहत कुम्भ की ब्राण्डिंग, लघु फिल्में, शासकीय योजनाओं पर आधारित फिल्में, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री  के सन्देशों के अलावा, मेला प्रशासन की आवश्यकताओं के अनुरूप विभिन्न सूचनाएं व सन्देश निरन्तर प्रसारित किए जाएंगे। इनका केन्द्रीय नियंत्रण मेला प्रशासन के लिए कार्यरत इण्टीग्रेटेड कण्ट्रोल कमाण्ड एण्ड सेण्टर द्वारा किया जाएगा। इनकी 20 यूनिट स्थापित कर संचालित की जा चुकी हैं तथा शेष का संचालन 01 जनवरी, 2019 से प्रारम्भ कर दिया जाएगा। अवस्थी ने कहा कि मीडिया सेण्टर की स्थापना आधुनिक संचार सुविधाओं व उपकरणों से युक्त होगी, जिसका निर्माण तेज गति से किया जा रहा है। सोशल मीडिया हब स्थापित किया जा चुका है। होर्डिंग्स के माध्यम से ब्राण्डिंग और प्रचार-प्रसार चरणबद्ध रूप से प्रदेश व देश के अन्य हिस्सों में किया जा रहा है। एलईडी  वीडियो वैन एवं एलईडी स्क्रीन के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। देश एवं प्रदेश के विभिन्न एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, मेट्रो स्टेशन से भी प्रचार-प्रसार का कार्य हो रहा है।

-साभार, ईएनसी टाईम्स

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