कश्मीर और आर्टिकल 370 हमेशा ही विवादों में बने रहते हैं। अब पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने जम्मू एवं कश्मीर को ज्यादा स्वायत्तता देने की वकालत की है और जिसके खिलाफ बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया है। हालांकि अपने बयान पर कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की सफाई दे दी है। चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा है कि बीजेपी निंदा से पहले बयान को पढ़े। इसके साथ ही चिदंबरम ने एक अंग्रेजी अखबार की खबर का लिंक भी ट्वीट किया है।
My answer to question on J&K reported in today’s Indian Express page 7.
BJP should read before criticising
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) October 29, 2017
बता दें कि पी चिदंबरम ने कल एक कार्यक्रम के दौरान जम्मू-कश्मीर की स्वायत्तता की मांग को जायज ठहराया था। उन्होंने साफ किया कि कश्मीरियों की आजादी कहने का मतलब स्वायत्तता है। चिदंबरम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में क्षेत्रीय स्वायत्तता देने के बारे में विचार करना चाहिए। स्वायत्तता देने के बावजूद वे भारत का ही हिस्सा रहेंगे।
वहीं पी चिदंबरम की बात को बीजेपी ने देश तोड़ने की राजनीति करार दिया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट किया, ‘‘पी चिदंबरम का अलगाववादियों और ‘आजादी’ का समर्थन करना हैरान करने वाला है हालांकि मैं आश्चर्यचकित नहीं हूं क्योंकि उनके नेता ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ नारे का समर्थन करते हैं।’’
Shocking that PC bats for separatists & ‘azadi’ but then not surprising given that their leader supported ‘Bharat tere tukde honge ‘ naara!
— Smriti Z Irani (@smritiirani) October 28, 2017
वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे अलगाववाद को बढ़ावा देने वाला बयान बताया। जेटली ने कहा कि चिदंबरम का बयान भारत के राष्ट्रीय हित को ‘‘नुकसान’’ पहुंचाता है जो एक गंभीर मुद्दा है।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने उनके इस बयान से अपना पल्ला झाड़ लिया है। कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और हमेशा यह निर्विवाद रूप से बना रहेगा। साथ ही, उन्होंने चिदंबरम की टिप्पणी पर कहा कि किसी व्यक्ति का विचार जरूरी नहीं कि कांग्रेस का भी विचार हो।
बता दें कि चिदंबरम ने जुलाई 2016 में भी जम्मू एवं कश्मीर को ज्यादा स्वायत्तता देने की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि जिस विचार के तहत कश्मीर को बड़े पैमाने पर स्वायत्तता दी गई थी उसे बहाल करना चाहिए। यदि यह नहीं किया गया तो देश को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।