जहां एक तरफ देश 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मना रहा था वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश  के कांसगज में निकाली गई तिरंगा यात्रा में हिंसा की आग जल उठी और आज तीसरे दिन भी वो बुझने का नाम नहीं ले रही है। कांसगज सांप्रदायिक हिंसा की आग में जलता रहा और पुलिस प्रशासन और सरकार बस तमाशा देखती रही। वहीं चंदन गुप्ता नाम का एक व्यक्ति इस हिंसा की भेट चढ़ गया।

इस हिंसा में दिवंगत चंदन गुप्ता के परिवार वालों ने सड़कों पर उतरकर सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ प्रदर्शन किया और चंदन को शहीद घोषित किए जाने की मांग की। यही नहीं घटनास्थल का नाम चंदन चौक रखने की मांग भी की गई। इस दौरान पुलिसवालों के समझा-बुझाकर उन्हें वापिस भेज दिया।

आखिरकार तीन दिन से चल रही इस हिंसा पर नियंत्रण पाया गया। कासगंज में उपद्रवियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन की मदद ली जा रही है और संदिग्ध उपद्रवियों के खिलाफ तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। तलाशी के दौरान एक आरोपी के घर से क्रूड बम और एक पिस्टल भी बरामद हुआ है।

उत्तर प्रदेश के DGP ने कहा है कि कासगंज के हालात नियंत्रण में है। छिटपुट आगजनी की खबरें हो रही हैं वो सुनसान जगहों पर हुई है ऐसी जगहों पर हुई जो सालों से सुनसान पड़ी थीं। ड्रोन से इलाके की निगरानी की जा रही है।

उन्होंने बताया कि 50 से ज्यादा आरोपियों की गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और सभी संदिग्ध लोगों को पकड़ा गया है। दोनों समुदाय के लोगों को एक साथ बिठाकर शांति की अपील की जाएगी। कहां चूक हुई कौन जिम्मेदार है इसकी विवेचना बाद में होगी। फिलहाल हमारा पूरा ध्यान स्थिति को काबू करने में लगा है जो कि लगभग हो चुका है।

कासगंज हिंसा पर SP सुनील सिंह ने हिंसा की वारदातों के पीछे राजनीतिक साजिश की आशंका जाहिर की है। उन्होंने कहा कि इस बात से मना नहीं किया जा सकता की इसके पीछे राजनीतिक साज़िश हो सकती है।

बता दें कि गणतंत्र दिवस पर तिरंगा यात्रा के दौरान दो गुटों में हुई झड़प के बाद अब भी इलाके में तनाव बना हुआ है। पूरे शहर में धारा 144 लागू करने के साथ ही कई इलाकों और नेटवर्क की इंटरनेट सेवा ठप कर दी गई हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here